Rising Prices of Vegetable : पेट्रोल-डीजल में हो रही बढ़ोतरी का असर खाद्य सामग्री पर नजर आ रहा है. लगातार महंगाई बढ़ रही है जिससे आम जनता परेशान है. खाद्य सामग्री से लेकर तेल, रिफाइण्ड व सब्जियों के दाम भी आसमान छू चुके हैं. गृहणियों का घर चलाने के लिए बजट बिगड़ा हुआ नजर आ रहा है.
डीजल-पेट्रोल सहित अन्य सामान पर मंहगाई के बादल छाये नजर आ रहे हैं और गरीबों की थाली से स्वाद खत्म हो चुका है. तेल व रिफाइंड के दाम आसमान चढ़ते नजर आ रहे हैं. 80 रुपये में बिकने वाली दाल 100 रुपये तक पहुंच चुकी है. साल 2020 में 80 रुपए में बिकने वाला सरसों तेल करीब 200 रुपये तक चढ़ गया था हालांकि अब इसमें थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
इधर सब्जियों पर भी चढ़ रहे दाम ने गृहणियां परेशान हो उठीं हैं. गृहिणियों के अनुसार बढ़ रही महंगाई की वजह से थाली से अब छौंकी दाल और सब्जियां भी दूर होने लगी हैं. आपको बता दें इन दिनों हो रही बारिश के कारण सब्जियों के दाम कम होने का नाम नही ले रहे हैं. गरीब व मजदूर परिवार के लोग सब्जी खरीदने के लिए यदि बाजार जाते हैं तो सब्जी के दाम सुनते ही भाग खड़े होते हैं.
झारखंड की राजधानी रांची की बात करें तो यहां बैगन 60 से 80 रुपये, लौकी 50 से 60 रुपये, शिमला मिर्च 100 रुपये के पार, फ्रेंचबीन 200 रुपये, आलू 16, टमाटर 30 ,लहसन 80 से 100, गोभी 80, खीरा 30 के करीब बिक रहा है. प्याज के दाम भी 30 से 40 रुपये किलो हैं. खाद्य सामग्री की बात करें तो अरहर दाल 90 से 100, चना दाल 70 से 75, उरद दाल 90, मसूर 70 से 80, मूंग 90 से 100 तेल सरसो 140 के करीब बाजार में मिल रहे हैं.
पेट्रोल-डीजल का असर : पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी के कारण सड़क से लेकर रसोई तक सबकुछ महंगा हो चुका है. आधे से ज्यादा देश में पेट्रोल 100 रुपये और डीजल 90 रुपये प्रति लीटर के पार नजर आ रहा है. तेल के दाम बढ़ने के कारण मालभाड़ा बढ़ रहा है. जिस कारण सब्जियां भी महंगी बाजार में बिक रही हैं. रिपोर्ट के मुबितक, महीनेभर के भीतर ही सब्जियां 40 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं.
नोट- भाव फुटकर विक्रेता के आधार पर है. क्वालिटी के अनुसार भाव बदल भी सकते हैं.
Posted by : Amitabh Kumar
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