room rent news : कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बीच मोदी सरकार किराएदारों को राहत देने की तैयारी में है. सरकार इसके लिए जल्द ही आदर्श किराया कानून लाएगी. माना जा रहा है कि संसद के इसी सत्र में यह कानून पास कराया जा सके. इस कानून के लागू होने के बाद मकान मालिक मनमानी नहीं कर पाएंगे.
समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार मकान मालिकों की मनमानी पर अंकुश लगाने की योजना पर काम कर रही है. संसद के इस सत्र में इसपर अमलीजामा पहना दिया जाएगा, जिसके बाद पूरे देश में किराएदारों के लिए एक कानून बन जाएगा.
वहीं इस कानून पर सरकार का कहना है कि अगले एक महीने में आदर्श किराया कानून को मंजूरी मिल जायेगी और फिर इसे राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भेज दिया जायेगा ताकि वह उसके आधार पर अपने राज्यों में कानून बनाकर उसे अमल में ला सकें.
आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने बताया कि यह कदम किराये के आवासों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है. वाणिज्य एवं उद्योग संगठन एसोचैम द्वारा आवास क्षेत्र पर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस आदर्श कानून को अपनाने के लिये प्रोत्साहित करेगा
1.1 करोड़ घर खाली– दुर्गा शंकर मिश्रा ने आगे बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार 1.1 करोड़ घर खाली पड़े हैं, क्योंकि लोग उन्हें किराये पर देने से डरते हैं. मिश्रा ने कहा, उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि एक वर्ष के भीतर हर राज्य इस आदर्श कानून को लागू करने के लिये जरूरी प्रावधान करें। उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इस कानून के लागू होने के बाद खाली फ्लैटों में से 60-80 प्रतिशत किराये के बाजार में आ जायेंगे.
मकान मालिक नहीं कर पाएंगे यह काम – बता दें कि इस कानून के मुताबिक किराये में संशोधन करने से तीन महीने पहले भूस्वामियों को लिखित में नोटिस देना होगा. इसमें जिला कलेक्टर को किराया अधिकारी के रूप में नियुक्त करने और किरायेदारों पर समय से अधिक रहने की स्थिति में भारी जुर्माना लगाने की वकालत की गयी है.
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Posted By : Avinish Kumar Mishra
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