रूस ने भारत की दो ऑयल कंपनियों को सस्ता तेल देने से किया इनकार, कहा – नहीं है एक्स्ट्रा क्रूड ऑयल
24 फरवरी को यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई और पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद से ही भारत की तेल वितरक कंपनियां रूस से सस्ता तेल खरीदने की फिराक में जुट गई थीं.
नई दिल्ली : यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध के दौरान सस्ता तेल खरीदने की फिराक में जुटी भारतीय कंपनियों को रूस ने तगड़ा झटका दिया है. खबर है कि रूस में कच्चे तेल की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी रोसनेफ्ट ने भारत की दो तेल वितरक कंपनियों के साथ क्रूड ऑयल की खरीद के सौदा समझौते पर हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया है. समाचार एजेंसी रायटर्स के हवाले से अन्य मीडिया की रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि रूस की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी रोसनेफ्ट ने भारत की कंपनियों के साथ समझौता करने से पहले ही कुछ अन्य देशों के साथ तेल आपूर्ति का सौदा कर चुका है. इस सौदे के बाद रोसनेफ्ट ने स्पष्ट कहा है कि भारतीय कंपनियों को देने के लिए उसके पास अतिरिक्त तेल नहीं बचा है.
हाजिर बाजार से खरीदना होगा महंगा तेल
बता दें कि बीते 24 फरवरी को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई शुरू करने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं. यहां तक कि कई यूरोपीय देशों ने रूस से कच्चे तेल और गैस की खरीद करना भी बंद कर दिया है. यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई और पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के बाद से ही भारत की तेल वितरक कंपनियां रूस से सस्ता तेल खरीदने की फिराक में जुट गई थीं. अब जबकि रूस की तेल उत्पादक कंपनी रोसनेफ्ट ने भारत को कच्चा तेल देने से इनकार कर दिया है, तो आने वाले दिनों में भारत की तेल वितरक कंपनियों को हाजिर बाजार से महंगे दामों पर तेल की खरीद करनी पड़ सकती है.
इंडियन ऑयल को सौदा पक्का करने में मिली सफलता
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन के साथ युद्ध छिड़ने के बाद से भारत की तीन तेल वितरक कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) रूस की रोसनेफ्ट कंपनी से 6 महीने के स्टॉक के लिए सस्ता तेल खरीदने के लिए सौदा करने में जुटी थीं. रिपोर्ट्स की मानें तो रूस की तेल उत्पादक कंपनी रोसनेफ्ट केवल इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ ही तेल बिक्री के सौदे पर हस्ताक्षर करने पर राजी हुई है. बाकी की दो तेल कंपनियां भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम को तेल देने से साफ इनकार कर दिया है.
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इंडियन ऑयल को 60 लाख बैरल तेल देगी रोसनेफ्ट
रिपोर्ट की मानें तो रूस की रोसनेफ्ट ने भारत की इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ कच्चे तेल की बिक्री के लिए जो समझौता किया है उसके अनुसार, रोसनेफ्ट शुरू में इंडियन ऑयल को 60 लाख बैरल कच्चा तेल देगी और जरूरत पड़ने पर उसने इंडियन ऑयल को 30 लाख बैरल अतिरिक्त तेल देने का सौदा किया है. इसके साथ ही, रोसनेफ्ट ने बाकी की दो कंपनियों भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. इस सौदे से जुड़े सूत्र बताते हैं कि रोसनेफ्ट ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के साथ कच्चे तेल की आपूर्ति करने का कोई वादा नहीं किया है. सूत्रों का कहना है कि पहले से किए गए सौदे के बाद रोसनेफ्ट के पास अतिरिक्त तेल ही नहीं बचा है कि वह किसी अन्य कंपनी के साथ उसकी आपूर्ति करने का सौदा कर सके. इसीलिए उसने इन दोनों भारतीय कंपनियों को तेल देने से इनकार कर दिया है.
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