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Rules Change: आयकर नियमों हुआ बदलाव! 2025 में भी आपकी जेब पर पड़ेंगे भारी, जानें कैसे

Rules Change: साल 2024 में सरकार की ओर से आयकर नियमों में किए गए सुधार भारत की कराधान प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सरल और प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं. इन बदलावों का प्रभाव न केवल करदाताओं पर, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. 2025 में ये सुधार कर अनुपालन और निवेश के लिए प्रोत्साहन जारी रखते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे.

Rules Change: आयकरदाताओं के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण खबर है. वह यह है कि सरकार ने आयकर नियमों में बदलाव कर दिया है. सरकार की ओर से उठाया गया यह कदम 2025 में भी आपकी जेब पर भारी पड़ेंगे. लेकिन, जरा ठहरिये. अभी घबराने की जरूरत नहीं है. पहले पूरी बात पढ़िए. सरकार ने साल 2024 की जुलाई महीने में लोकसभा चुनाव के बाद संसद में पेश किए गए बजट के दौरान आयकर नियमों में बदलाव किया है, जिसका असर 2025 में भी दिखाई देगा.

करदाता, कारोबारियों और निवेशकों पर पड़ा नियमों में बदलाव का असर

सरकार की ओर से साल 2024 में आयकर नियमों में हुए महत्वपूर्ण बदलावों ने करदाताओं, कारोबारियों और निवेशकों पर गहरा प्रभाव डाला है. इन बदलावों का प्रभाव 2025 और उसके बाद भी दिखाई देगा, क्योंकि ये न केवल वर्तमान कराधान व्यवस्था को प्रभावित करते हैं, बल्कि भविष्य की आर्थिक योजनाओं और निवेश पैटर्न को भी दिशा देते हैं.

आयकर में होने वाला अहम बदलाव और उसका प्रभाव

  • नई टैक्स स्लैब प्रणाली का पुनर्गठन: सरकार ने साल 2024 में आयकर स्लैब में बड़े बदलाव किए. इसके जरिए निम्न और मध्यम आय वर्ग को राहत देने के लिए कर की दरों में कमी की गई और स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि की गई. साल 2025 और उससे आगे के वर्षों में मध्यम आय वर्ग के पास अधिक डिस्पोजेबल आमदनी होगी, जिससे खपत बढ़ेगी. दूसरा यह कि निवेश योजनाओं जैसे पीपीएफ और एनएससी में कमी हो सकती है, क्योंकि कर बचाने के पारंपरिक तरीकों की जरूरत कम हो गई है.
  • कैपिटल गेन पर टैक्स के नए नियम: साल 2024 में लंबी अवधि के निवेशों पर कैपिटल गेन टैक्स नियमों को सरल बनाया गया. रियल एस्टेट और इक्विटी बाजार में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए छूट सीमा बढ़ाई गई. साल 2025 में रियल एस्टेट और स्टॉक बाजार के निवेश में बढ़ोतरी हो सकती है. दूसरा यह कि छोटे और मध्यम निवेशकों को कर लाभ मिलेगा, जिससे कैपिटल फ्लो में सुधार होगा.
  • डिजिटल ट्रांजेक्शन पर जोर: डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए नकद लेन-देन पर प्रतिबंध और डिजिटल भुगतान पर टैक्स छूट की घोषणा की गई. सरकार के इस कदम से डिजिटल इकोनॉमी में तेजी आएगी. दूसरा यह कि छोटे व्यवसायों और अनौपचारिक क्षेत्रों को डिजिटल स्ट्रक्चर को अपनाने में मदद मिलेगी.
  • नए निवेश योजनाओं पर फोकस: सरकार ने 2024 में हरित ऊर्जा और स्टार्टअप्स में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष कर लाभ की घोषणा की है. इसके माध्यम से साल 2025 में हरित ऊर्जा और नई तकनीकों में निवेश बढ़ेगा. दूसरा यह कि करदाताओं के लिए नए विकल्प उपलब्ध होंगे, जिससे उनके पोर्टफोलियो में विविधता आएगी.
  • टीडीएस और टीसीएस नियमों का संशोधन: टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) नियमों को और कड़ा किया गया, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है. इससे साल 2025 में कर अनुपालन बेहतर होगा. दूसरा यह कि अधिक करदाताओं को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

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2025 में भी जारी रहेगा टैक्स सिस्टम में सुधार

इतना ही नहीं, साल 2024 में कर के नियमों में बदलावों के बावजूद 2025 में भी भारत की कर प्रणाली में बुनियादी सुधार जारी रहेंगे. इससे न केवल करदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार के राजस्व संग्रह में भी वृद्धि होगी.

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