Rules Change: पाकिस्तान और चीन के लोगों की संपत्ति होगी जब्त, कानून बदलने जा रही सरकार

Rules Change: पाकिस्तान और चीन के नागरिकों की संपत्ति जब्त करने के लिए सरकार लाने जा रही है नया कानून. सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित बदलाव.

By Abhishek Pandey | January 27, 2025 7:13 PM

Rules Change: केंद्र सरकार ने शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 में संशोधन करने की योजना बनाई है. इस संशोधन के बाद सरकार को शत्रु संपत्तियों पर सीधा नियंत्रण प्राप्त होगा, और इन संपत्तियों को सार्वजनिक हित में उपयोग किया जा सकेगा. अब तक ये संपत्तियां ‘कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी’ द्वारा प्रबंधित की जाती थीं. 2017 में कानून में बदलाव करके शत्रु नागरिकों और शत्रु कंपनियों की परिभाषा को स्पष्ट किया गया था.

शत्रु संपत्ति क्या है?

शत्रु संपत्तियां वे हैं जो उन व्यक्तियों या कंपनियों की हैं, जिन्होंने भारत के साथ हुए युद्ध के दौरान पाकिस्तान या चीन की नागरिकता ले ली थी. 1965 और 1971 में पाकिस्तान और 1962 में चीन के साथ युद्ध के बाद, भारत सरकार ने इन संपत्तियों को अधिग्रहित कर ‘कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी’ को सौंप दिया था.

कानून में प्रस्तावित बदलाव

सरकार अब इन संपत्तियों को सीधे अपने नियंत्रण में लेने और सार्वजनिक उपयोग में लाने की योजना बना रही है. यह संशोधन अधिनियम की धारा 5 के तहत प्रस्तावित है. इसमें ‘कस्टोडियन’ को ये संपत्तियां बिना किसी अड़चन के सरकार को सौंपने का प्रावधान होगा. खबरों के मुताबिक, कैबिनेट इस प्रस्ताव पर चर्चा करने वाली है, और इसे संसद के बजट सत्र में पेश किया जा सकता है.

अब तक की बिक्री और भविष्य की योजना

पिछले छह वर्षों में, केंद्र सरकार ने ₹3,494.93 करोड़ की शत्रु संपत्तियों को बेचकर राजस्व अर्जित किया है. इन संपत्तियों में पाकिस्तानी नागरिकों की 9,280 और चीनी नागरिकों की 126 संपत्तियां शामिल हैं. 2018 में सरकार ने शत्रु शेयर बेचने के लिए ₹3,000 करोड़ की प्रक्रिया शुरू की थी. 996 कंपनियों के 65,075,877 शेयरों की पहचान की गई थी. 2020 में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक ‘ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स’ का गठन किया गया था. इस समूह का उद्देश्य लगभग ₹1 लाख करोड़ मूल्य की 9,400 से अधिक शत्रु संपत्तियों की बिक्री की निगरानी करना है.

सार्वजनिक उपयोग में संपत्तियों का महत्व

सरकार का मानना है कि इन संपत्तियों का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सार्वजनिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. संशोधित कानून से सरकार को इन संपत्तियों पर कानूनी स्वामित्व मिलेगा और उनका प्रभावी उपयोग सुनिश्चित हो सकेगा. यह बदलाव शत्रु संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और लाभकारी बनाने में मदद करेगा, साथ ही देश के विकास में योगदान देगा.

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