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सचिन तेंदुलकर, अनिल अंबानी ने टैक्स चोरी की! CBDT करेगी Pandora Papers लीक केस की जांच

सीबीडीटी के प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने सीबीडीटी को पंडोरा पेपर्स लीक (Pandora Papers leaks) से जुड़े मामलों की जांच करने के निर्देश दिये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2021 8:15 PM

नयी दिल्ली: क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और उद्योगपति मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दोनों पर टैक्स चोरी करने के आरोप लगे हैं. सरकार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं. सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) के प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी.

CBDT के प्रवक्ता ने कहा है कि पंडोरा पेपर्स (Pandora Papers) मामले की जांच जल्द शुरू की जायेगी. सीबीडीटी के चेयरमैन की निगरानी में जांच होगी. उनके साथ प्रवर्तन निदेशालय (ED), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) के प्रतिनिधि भी निगरानी दल में शामिल होंगे.

सीबीडीटी के प्रवक्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने सीबीडीटी को पंडोरा पेपर्स लीक (Pandora Papers leaks) से जुड़े मामलों की जांच करने के निर्देश दिये हैं. सरकार से निर्देश मिलने के बाद तय हुआ कि सीबीडीटी के चेयरमैन की अध्यक्षता में एक निगरानी टीम बनायी जायेगी, जो पूरे मामले की जांच करेगी. इसमें कई एजेंसियों के अधिकारियों को शामिल किया जायेगा.

पनामा के बाद अब पंडोरा पेपर्स के खुलासे से हड़कंप मच गया. पंडोरा पेपर्स में टैक्स चोरी करने वाले लोगों की सूची में किरण मजुमदार शॉ, अनिल अंबानी के अलावा क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का भी नाम शामिल है. इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने रविवार को यह रिपोर्ट जारी की. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सचिन तेंदुलकर की विदेश की कई संपत्तियां हैं.

Pandora Paper Leaks में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें कई वर्ल्ड लीडर, सरकारी अधिकारी और सेलिब्रिटीज शामिल हैं. आरोप है कि इन लोगों ने विदेशों में अपनी संपत्ति बनायी और भारत में टैक्स बचाने के उद्देश्य से इसकी जानकारी सरकार को नहीं दी. विश्व के जिन नेताओं के नाम इस लिस्ट में हैं, उनमें पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन (Pakistan Finance Minister Shaukat Tarin), जॉर्डन के राजा अब्दुल्ला द्वितीय (Jordan’s King Abdullah II) और पॉप सिंगर शकीरा (Pop Singer Shakira) शामिल हैं.

1.19 करोड़ गुप्त दस्तावेजों से हुआ खुलासा

आईसीआईजे ने कहा है कि 1.19 करोड़ गुप्त दस्तावेजों की जांच से पता चला है कि 14 कंपनियों के जरिये फर्जी कंपनी बनाकर दुबई, मोनाको, पनामा और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में निवेश किया गया. वाशिंगटन स्थित International Consortium of Investigative Journalists ने अपने मीडिया पार्टनर्स द गार्जियन, बीबीसी पैनोरामा और द इंडियन एक्सप्रेस के साथ दस्तावेज को साझा किया.

इंडियन एक्सप्रेस ने भारत से संबंधित दस्तावेजों की जांच की. ICIJ ने अपनी इस रिपोर्ट को Pandora Papers नाम दिया है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विदेशों में भारतीयों की जो संपत्तियां हैं, सभी गैरकानूनी नहीं हैं. हां, इन लोगों ने टैक्स बचाने के लिए विदेश में खरीदी गयी अपनी संपत्ति की जानकारी भारत सरकार को नहीं दी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आमतौर पर कर की चोरी करने वाले, धोखाधड़ी और मनी लाउंडरिंग के लिए लोग टैक्स हेवन देशों में निवेश करते हैं.

117 देशों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार हुई है रिपोर्ट

दुनिया भर में अमीर व्यक्तियों की वित्तीय संपत्ति का खुलासा करने वाले ‘पेंडोरा पेपर्स’ में कारोबारियों सहित 300 से अधिक धनी भारतीयों के नाम शामिल हैं. हालांकि, इनमें से कई भारतीयों ने कुछ गलत करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गयी रिपोर्ट का भारत सरकार ने संज्ञान लिया है. संबंधित जांच एजेंसियां ​​इन मामलों की पड़ताल करेंगी. कानून के अनुसार उचित कार्रवाई भी होगी.

Pandora Papers के मुताबिक, सचिन तेंदुलकर और उनके परिवार के सदस्यों ने ब्रिटेन में एक कंपनी सास इंटरनेशनल लिमिटेड बनायी थी, जिसे पनामा पेपर्स के सामने आने के बाद लिक्विडेट कर दिया गया था. इसमें सचिन, उनकी पत्नी अंजली, उनके ससुर आनंद महते लाभुक और निदेशक दोनों थे. कंपनी ब्रिटेन के वर्जिन आइलैंड्स में बनी थी.

इस मामले में सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन के निदेशक मृन्मय मुखर्जी ने सफाई दे दी है. उन्होंने कहा है कि सास इंटरनेशनल लिमिटेड में जो भी निवेश हुआ था, कानूनी तौर पर हुआ था और सचिन तेंदुलकर ने अपने आयकर रिटर्न में उसकी जानकारी दी थी. सचिन तेंदुलकर कभी मनी लाउंडरिंग या टैक्स चोरी में शामिल नहीं हो सकते.

रिलायंस एडीए ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी और उनके प्रतिनिधियों को जर्सी, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स और साइप्रस में कम से कम 18 कंपनियां हैं. इनमें से सात कंपनियों ने ऋण लेकर करीब 9,649 करोड़ रुपये निवेश किये. फरवरी, 2020 में लंदन की एक कोर्ट को अनिल अंबानी ने बताया कि वह दिवालिया हो गये हैं. उनकी संपत्ति शून्य हो गयी है. लेकिन, कोर्ट ने उनकी दलीलों पर सवाल खड़े किये थे.

Posted By: Mithilesh Jha

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