Azad Engineering IPO: सचिन तेंदुलकर ने भी लगाया है पैसा, छप्परफाड़ मिल रहा GMP, आज है कमाई का आखिरी मौका

Azad Engineering IPO: इस कंपनी में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी इस कंपनी में निवेश किया हुआ है. कंपनी में मई 2023 में सचिन तेंदुलकर के द्वारा पैसा लगाए जाने की सूचना आयी थी.

By Madhuresh Narayan | December 22, 2023 11:27 AM

Azad Engineering IPO: आजाद इंजीनियरिंग के आईपीओ को लेकर बाजार में काफी चर्चा हो रही है. इस कंपनी में मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने भी इस कंपनी में निवेश किया हुआ है. कंपनी में मई 2023 में सचिन तेंदुलकर के द्वारा पैसा लगाए जाने की सूचना आयी थी. आजाद इंजीनियरिंग के आईपीओ को बृहस्पतिवार को बोली के दूसरे दिन 11.09 गुना अतिरिक्त अभिदान मिल गया है. एनएसई के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, आईपीओ के तहत 1,01,22,705 शेयरों की पेशकश पर 11,22,11,456 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं. गैर-संस्थागत निवेशकों के हिस्से को 23.49 गुना अधिक अभिदान मिला, जबकि खुदरा व्यक्तिगत निवेशकों (आरआईआई) के हिस्से को 11.15 गुना अधिक अभिदान मिला. पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की श्रेणी को 1.53 गुना अधिक अभिदान प्राप्त हुआ. आईपीओ में 240 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए गए हैं. इसमें 500 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) भी शामिल है. आईपीओ के लिए मूल्य दायरा 499-524 रुपये प्रति शेयर है. आज़ाद इंजीनियरिंग लिमिटेड ने मंगलवार को एंकर निवेशकों से 221 करोड़ रुपये जुटाए थे. हालांकि, आज कंपनी में पैसा लगाने का आखिरी दिन हैं.

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क्या काम करती है आज़ाद इंजीनियरिंग

नये आईपीओ से मिले पैसे का उपयोग कंपनी के पूंजीगत व्यय, ऋण के भुगतान और सामान्य कंपनी कामकाज के लिए किया जाएगा. आजाद इंजीनियरिंग एयरोस्पेस और रक्षा, ऊर्जा और तेल और गैस उद्योगों में वैश्विक मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को उत्पादों की आपूर्ति करती है. कंपनी के ग्राहकों में जनरल इलेक्ट्रिक, हनीवेल इंटरनेशनल इंक, मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज, सीमेंस एनर्जी, ईटन एयरोस्पेस और मैन एनर्जी सॉल्यूशंस एसई शामिल हैं. बाजार जानकारों ने कहा कि आजाद इंजीनियरिंग आईपीओ ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) आज ₹445 है, जो आजाद इंजीनियरिंग आईपीओ मूल्य बैंड ₹499 से ₹524 प्रति इक्विटी शेयर का लगभग 85 प्रतिशत है. गुरुवार के सौदों के दौरान दलाल स्ट्रीट पर ट्रेंड रिवर्सल एयरोस्पेस कंपोनेंट निर्माता कंपनी के शेयर के गैर-सूचीबद्ध बाजार में अपनी पकड़ बनाए रखने का संभावित कारण हो सकता है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

आजाद इंजीनियरिंग आईपीओ को ‘सब्सक्राइब’ टैग देते हुए, हेम सिक्योरिटीज ने कहा कि कंपनी इश्यू के बाद वार्षिक H1FY24 PAT आधार पर 58x के पी/ई मल्टीपल पर ₹499-524 प्रति शेयर के प्राइस बैंड पर इश्यू ला रही है. वैश्विक ओईएम के लिए अत्यधिक इंजीनियर, जटिल और मिशन और जीवन-महत्वपूर्ण उच्च परिशुद्धता घटकों का निर्माण, चीन और पूर्वी यूरोप से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, हाई ग्लोबल मार्केट में प्रवेश के साथ ओईएम को आपूर्ति करने वाली कंपनी के पास उन्नत विनिर्माण सुविधाओं के साथ लंबे समय से स्थायी और गहरे ग्राहक संबंध हैं. नवाचार और लागत प्रतिस्पर्धात्मकता और वित्तीय प्रदर्शन के सुसंगत ट्रैक रिकॉर्ड पर ध्यान देने के साथ उत्पादों और समाधानों की एक विविध श्रृंखला इसलिए, उपरोक्त सभी को ध्यान में रखते हुए हम मुद्दे पर “सदस्यता” लेने की सलाह देते हैं.

आईपीओ क्या होता है

आईपीओ का पूरा नाम Initial Public Offering है. यह एक वित्तीय प्रक्रिया है जिसमें किसी प्राइवेट कंपनी ने अपने स्टॉक के खुले बाजार में निवेशकों के लिए प्रस्तावना जारी करने का निर्णय लिया होता है. यह उस कंपनी के लिए पहली बार होता है जब वह खुले बाजार में अपने शेयरों को बेचने के लिए जाती है. जब एक कंपनी आईपीओ जारी करती है, तो वह अपने शेयरों का प्रचार प्रसार करती है और इंवेस्टर्स को अपने शेयरों को खरीदने का मौका देती है. आईपीओ के माध्यम से कंपनी उसके स्टॉक को सार्वजनिक और न्यूजीज माध्यमों के माध्यम से निवेशकों के लिए उपलब्ध कराती है ताकि वे उसे खरीद सकें. आईपीओ के माध्यम से कंपनी अधिकतर अपने स्टॉक के लिए नए निवेशकों को खींचने की कोशिश करती है और इसके माध्यम से कंपनी अधिकतर पूंजी एकत्र करके अपने विकास और वित्तीय योजनाओं को पूरा करती है. यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प होता है क्योंकि यह उन्हें एक सार्वजनिक कंपनी के मालिक बनाने का अवसर प्रदान करता है.

सेकेंड हैंड आईपीओ का बाजार है ग्रे मार्केट

ग्रे मार्केट को आसान शब्दों में IPO का सेकेंड हैंड बाजार कहा जा सकता है. इसका अर्थ है कि आईपीओ जारी होने के बाद आप सीधे शेयर बाजार से खरीदारी करने के बजाये किसी निवेशक जिसने पहले से कंपनी में निवेश कर रखा है उससे आईपीओ की खरीदारी करते हैं. इस ग्रे मार्केट में सबसे बड़ी परेशानी ये आती है कि इसमें काम करने वाले सेलर, ब्रोकर और ट्रेडर कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं होते हैं. इस बाजार में कोई नियम कानून नहीं है. केवल भरोसे और व्यक्तिगत बातचीत पर कारोबार होता है. वहीं, पैसे फंसने पर रिकवरी भी आपको खुद अपने माध्यम से ही करनी पड़ती है.

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