20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

महारत्न कंपनी बीसीसीएल के 42,000 कर्मचारियों के सामने सैलरी संकट, एआईएसीई ने कोयला मंत्री को लिखी चिट्ठी…

लॉकडाउन के दौरान बिजली उत्पादक कंपनियों की ओर से बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से कोल इंडिया की अनुषंगी भारत कोकिंग कोल (बीसीसीएल) और सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनियों में शुमार कंपनी के सामने कर्मचारियों को वेतन देने का संकट खड़ा हो गया है.

नयी दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान बिजली उत्पादक कंपनियों की ओर से बकाया भुगतान नहीं होने की वजह से कोल इंडिया की अनुषंगी भारत कोकिंग कोल (बीसीसीएल) और सार्वजनिक क्षेत्र की महारत्न कंपनियों में शुमार कंपनी के सामने कर्मचारियों को वेतन देने का संकट खड़ा हो गया है. लॉकडाउन में इस कठिनाई को देखते हुए इस महारत्न कंपनी के वर्तमान और सेवानिवृत्त अधिकारियों के संगठन ने सरकार से अनुषंगी इकाई को पटरी पर लाने के लिए उपयुक्त पैकेज की मांग की है.

Also Read: तीन वित्तीय वर्ष में बीसीसीएल को 3204.94 करोड़ का नुकसान, 9785.72 करोड़ खर्च कर 6580.78 करोड़ का कोयला बेचा

ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कोल एक्जक्यूटिव्स (एआईएसीई) ने 17 मई 2020 को कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिखा है कि बीसीसीएल को 42,000 कर्मचारियों को वेतन देने में मुश्किल आ रही है. पिछले कुछ सप्ताह से ग्राहकों की तरफ से पूरा भुगतान नहीं मिलने से उसे धन की दिक्कत हो रही है.

Also Read: बीसीसीएल बोर्ड में 935 करोड़ के कैपिटल बजट को मंजूरी

एसोसिएशन ने बीसीसीएल को पटरी पर लाने के लिए पैकेज की मांग करते हुए कहा, ‘मौजूदा हालात में पुनरुद्धार के एक भरोसेमंद उपाय का आग्रह है, ताकि केंद्र सरकार इन प्रभावित सार्वजनिक उपक्रमों को संकट से पार पाने में मदद करने में स्वयं को सक्षम पा सके. एआईएसीई ने कहा कि एक मोटे अनुमान के अनुसार भारत कोकिंग कोल लिमिटेड सामान्य तौर पर हर महीने कोयला खरीदने वाले ग्राहकों से करीब 1,000 करोड़ रुपये प्राप्त करती थी. इनमें से 450 करोड़ रुपये वेतन पर और अन्य 450 करोड़ रुपये शुल्क तथा कच्चे माल की लागत पर खर्च होते थे.

उसने कहा कि बिजली कंपनियों के ऊपर कुल बकाया 3,200 करोड़ रुपये के ऊपर पहुंच गया है. यह कोल इंडिया की विभिन्न अनुषंगी इकाइयों में सबसे ज्यादा है. इस बकाये का कारण बिजली उत्पादकों के समक्ष ‘लॉकडाउन’ के दौरान नकदी की समस्या है. संगठन के अनुसार, पूरी कार्यशील पूंजी उत्पादन और सार्वजनिक क्षेत्र के ग्राहकों को कोयले की आपूर्ति में खर्च हो रही है.

पत्र में कहा गया है कि कंपनी के बड़े ग्राहकों ने नकदी की तंग स्थिति का हवाला देते हुए पिछला बकाया के निपटान से इनकार किया है. स्थिति मार्च के मध्य से खराब होनी शुरू हुई, जब बीसीसील के बड़े ग्राहकों में से एक दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) और पश्चिम बंगाल बिजली विकास निगम की तरफ से भुगतान में कमी होनी शुरू हुई.

एआईएसीई ने कहा कि बीसीसीएल की कुल बिक्री में इन दोनों कंपनियों की हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक है. मार्च में उन्होंने कुल बकाया में से छोटी राशि का भुगतान किया. अप्रैल में दोनों कंपनियों ने बार-बार आग्रह के बावजूद बिलों के निपटान नहीं किये.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें