Salary Increase in 2024: इस साल मिलने वाली है जबरदस्त सैलरी हाइक, डेलॉयट इंडिया ने जारी की स्पेशल रिपोर्ट
Salary Increase in 2024: 'डेलॉयट इंडिया टैलेंट आउटलुक 2024' के नाम से एक रिपोर्ट जारी की गयी है. इसमें दावा किया गया है कि भारत में कॉर्पोरेट हाउस 2024 में औसतन 9 प्रतिशत वेतन वृद्धि हो सकती है.
Salary Increase in 2024: देश की नौकरीपेशा लोगों के लिए साल 2024 में एक अच्छी खबर है. डेलॉइट इंडिया ने साल 2024 में कर्मचारियों के वेनत वृद्धि से जुड़ा एक रिपोर्ट जारी किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, भारत में कॉर्पोरेट हाउस 2024 में औसतन 9 प्रतिशत वेतन वृद्धि हो सकती है. इस रिपोर्ट को ‘डेलॉयट इंडिया टैलेंट आउटलुक 2024’ के नाम से जारी किया गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस साल वेतन वृद्धि पूर्व-कोविड महामारी स्तरों से बेहतर होगी. हालांकि, आईटी और बीपीओ क्षेत्र में दबाव देखने को मिलेगा. साथ ही, इस साल प्रोमोशन पाने वाले कर्मचारियों की संख्या 11.5 प्रतिशत रहेगी. साल 2023 में ये 12.3 प्रतिशत था. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनियां छोटे कर्मचारियों का वेतन दो अंकों में बढ़ा सकती है. हालांकि, इसमें उसके प्रदर्शन को ध्यान में रखा जाएगा. बेहतर कर्मचारियों का वेतन औसत कर्मचारियों के वेतन से 1.8 गुना बढ़ेगा.
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कई कंपनियां कर सकती हैं बोनस का भुगतान
डेलॉयट इंडिया टैलेंट आउटलुक 2024 रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो में से एक कंपनी इस साल लक्ष्य पर या लक्ष्य से ऊपर बोनस का भुगतान कर सकती हैं. यह कहते हुए कि संगठन प्रतिभा को बनाए रखने के लिए पदोन्नति के लिए 7.5 प्रतिशत की वृद्धि बनाए रखने की संभावना रखते हैं. रिपोर्ट में कंपनियों के वर्क फोर्स के बारे में कहा गया है कि इस साल भारतीय कंपनियां अपना कार्यबल के कौशल बढ़ाने के लिए पहले से ज्यादा साइटिफिक विजन का इस्तेमाल कर रही है. वर्तमान में ज्यादातर कंपनियों के पास जरुरी 75 प्रतिसत कौशल ढांचा है. फिर भी इसमें सुधार की जरुरत है.
नौकरी छोड़ने की दर हुई कम
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि साल 2022 से साल 2023 में नौकरी छोड़ने की दर कम हुई है. देश में नौकरी छोड़ने की दर साल 2022 में 20.2 प्रतिशत थी. जो साल 2023 में 18.10 प्रतिशत रह गयी. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि देश में नियुक्ति की प्रक्रिया धीमी हो गयी. डेलॉयट इंडिया में पार्टनर (सीएचआरओ प्रोग्राम लीडर) आनंदोरूप घोष ने कहा कि नौकरी छोड़ने की दर और मुख्य मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के साथ, कंपनियां संगठन मार्जिन बचाने और बढ़ावा देने की रणनीतियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं. ग्लोबल स्तर पर भारत पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता हुआ अर्थव्यवस्था है. किसी भी दूसरे भौगोलिक क्षेत्र की अपेक्षा यहां तेज वृद्धि देखने को मिल रही है.