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लॉकडाउन के दौरान खूब बिका पारले जी बिस्किट, 82 सालों का रिकार्ड टूटा

पिछले दिनों देश भर में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन किया गया था. लॉकडाउन में देश की आर्थिक व्यवस्था पर काफी असर पड़ा, कई सारे ब्रांड्स के उत्पादों की बिक्री में काफी कमी देखी गई, लेकिन लॉकडाउन के दौरान पारले जी ने बिक्री का नया रिकार्ड कायम कर दिया है.

पिछले दिनों देश भर में कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन किया गया था. लॉकडाउन में देश की आर्थिक व्यवस्था पर काफी असर पड़ा, कई सारे ब्रांड्स के उत्पादों की बिक्री में काफी कमी देखी गई, लेकिन लॉकडाउन के दौरान पारले जी ने बिक्री का नया रिकार्ड कायम कर दिया है. जी हां, पारले-जी बिस्कुट की इतनी अधिक बिक्री हुई है कि 82 सालों का रेकॉर्ड टूट गया है. पारले-जी 1938 से ही लोगों के बीच एक फेवरेट ब्रांड रहा है. सिर्फ 5 रुपए में मिलने वाला पारले-जी बिस्कुट का पैकेट सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने वाले प्रवासियों के लिए भी खूब मददगार साबित हुआ. पारले जी बिस्किट को किसी ने खुद खरीद कर खाया, तो किसी को दूसरों ने मदद के तौर पर बिस्कुट बांटे.

राहत सामग्री के रूप में लोगों तक पहुंचा पारले जी

आपको बता दें कि पारले जी कंपनी 1938 में स्थापित की गई थी. लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूों को राहत सामग्री के तौर पर पारले जी को आम लोगों के बीच बांटा गया. ने इसकी बड़े पैमाने पर खरीद की है और चाय-नाश्ते के दौरान लोगों ने इस बिस्किट को सबसे ज्यादा खाया है.

रोटी के बदले लोगों को मिली पारले जी का सहारा

पारले प्रोडक्ट्स के कैटेगरी हेड मयंक शाह ने बताया कि कंपनी ने अपने डिस्ट्रिब्यूशन चैनल को भी एक हफ्ते के अंदर रीसेट कर दिया, ताकि रिटेल आउटलेट पर बिस्कुट की कमी ना हो. यह भी बताया गया कि लॉकडाउन के दौरान पारले जी आसानी से मिलने वाला बहुत से लोगों के लिए खाना का पर्याय बन गया. कई तो सिर्फ इसी पर आश्रित रहे. जिन लोगों तक रोटी नहीं पहुंच पाई वो भी पारले-जी बिस्कुट खरीद सकते हैं. शाह ने कहा कि कंपनी का कुल मार्केट शेयर करीब 5 फीसदी बढ़ा है और इसमें से 80-90 फीसदी ग्रोथ पारले-जी की सेल से हुई है.

अभिनेता रणदीप हुड्डा ने साझा किया पारले जी से जुड़ा यादगार पल

फिल्म अभिनेता रणदीप हुड्डा ने भी पारले जी बिस्किट से जुडे़ यादगार पर को सोशल मीडिया पर साझा किया है. उन्होंने लिखा है कि वे अपने थियेटर के दिनों से पारले जी को खाना पसंद करते है. उन्होंने ये भी लिखा कि अगर पारले-जी ने अपनी पैकिंग को एक वैकल्पिक बायोडिग्रेडेबल सामग्री में बदल दिया, तो प्लास्टिक के कचरे का उपयोग कितना कम होगा?

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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