Sasta Matka : गर्मी का मौसम आने वाला है और अभी से ही बाजार में महंगे और सुविधाजनक फ्रिज की खोज बढ़ गई है. लेकिन, क्या आपको पता है कि गर्मी में अपने गले को तर करने के लिए जिस फ्रिज की आप तलाश या इस्तेमाल करते हैं, उससे आपको शारीरिक और आर्थिक नुकसान होता है? क्या कभी आपने गर्मी के मौसम में अपने गले को तर करने के लिए मिट्टी से बने मटकों या सुराही के इस्तेमाल के बारे में सोचा है? नहीं न? हम आपको बताते हैं कि बाजार में अधिक से अधिक महज 250 रुपये में मिलने वाला मिट्टी से बना सस्ता मटका आपको शारीरिक और आर्थिक नुकसान से बचाने के साथ-साथ आपके गर्मी के मौसम में आपके गले को तर करने में कैसे मदद करता है?
फ्रिज खरीदने में जेब ढीली
गर्मी के मौसम में अपने गले को तर करने के लिए अगर आप बाजार में फ्रिज खरीदने जाते हैं, तो आपको कम से 15,000 रुपये और अधिक से अधिक 2.5 लाख रुपये तक जेब ढीली करनी होगी. बाजार में अगर आप वर्लपूल का सस्ता फ्रिज खरीदने जाएंगे, तो आपको कम से कम 16,290 रुपये देने पड़ेंगे. वहीं, अगर आप महंगी रेंज में जाएंगे, तो सैमसंग का फ्रिज आपको कम से कम 1,04,500 रुपये में मिलेगा. और अगर आप और महंगे फ्रिज खोजेंगे, तो यह कीमत 2.5 लाख रुपये तक पहुंच जाएगा.
बिजली बिल का अतिरिक्त भार
अब अगर आप सस्ता या महंगा फ्रिज खरीदकर घर पर ले आते हैं, तो उसे चलाने के लिए आपके घर में बिजली की खपत भी बढ़ेगी. अब अगर आप गर्मी के मौसम में फ्रिज चलाते हैं, तो आपको हर महीने कम से कम 500 रुपये फ्रिज चलाने के लिए बिजली बिल पर खर्च करना पड़ेगा. वहीं, अगर आप अगर फ्रिज का इस्तेमाल छह या सात महीने तक करते हैं, तो आपको एक साल में कम से 3,000 रुपये से 4,000 रुपये तक बिजली बिल के रूप में खर्च हो जाएगा, जो महंगाई के जमाने में आपके लिए यह खर्च अतिरिक्त बोझ बन जाएगा.
दवा पर खर्च
अब आपके घर में फ्रिज है, तो आप ठंडा या चिल्ड (बोतल में बर्फ जमा) पानी का इस्तेमाल धड़ल्ले से करते हैं. ऐसा करने पर वातावरण में व्याप्त गर्मी और चिल्ड पानी के ठंडक से आपका गला तर होने के बजाय खराब हो जाता है और आपको हल्की-हल्की खांसी हो जाती है. ऐसी स्थिति में आप केमिस्ट या डॉक्टर के पास जाते हैं. इलाज करवाते हैं और फिर गला ठीक करने के लिए दवा खाते हैं. अब आप सोचिए कि फ्रिज का चिल्ड या ठंडा पानी पीने के बाद आपको बिजली बिल के अलावा दवा और इलाज पर भी अलग से खर्च करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में यह भी आपके लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ ही है.
अब अगर आप गर्मी के मौसम में अपने गले को तर करने के लिए बाजार में महंगे फ्रिज खरीदने के बजाय मिट्टी से बने मटके या सुराही की तलाश करेंगे, तो यह अधिक से अधिक 250 रुपये में मिल जाएंगे. बाजार में आपको मटकों या सुराही की कई वेरायटी मिल जाएगी. इसमें नल वाला मटका या सुराही, बड़ा या छोटा मटका आदि शामिल है. यह आपको फ्रिज की तरह चिल्ड नहीं, बल्कि आपके शरीर के तापमान के अनुसार गले को तर करने वाला ठंडा पानी देगा. इसका इस्तेमाल करने के लिए आपको अतिरिक्त बिजली बिल नहीं देना होगा और न ही गला खराब होने पर इलाज के लिए डॉक्टर की फीस और दवा पर पैसे खर्च करने होंगे. आपको सालाना 3,000 से 4,000 रुपये के बिजली बिल की बचत होने के साथ ही दवा पर खर्च होने वाले पैसे बचेंगे. इसके साथ ही, यह आपके पानी का मुफ्त में फिल्टर करने का भी काम करेगा.
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बाजार से मटका या सुराही खरीदकर लाने के बाद उसे किचन के किसी कोने में रख दें. जिस स्थान पर आप उसे रखेंगे, वहां पर सुतली के बोरी को गोल बनाकर उस पर थोड़ा सा बालू रख दें. उसके बाद आप मटके या घड़े या सुराही को उस बालू पर रख दें. मटके के नीचे बालू रखने से मटका का पानी हमेशा ठंडा रहता है और वह उसे नमी प्रदान करता है. इसके साथ ही, बालू मटके को इधर-उधर टघरने (हिलने-डुलने) नहीं देता है. आप पानी निकालने के लिए एक कुप्पी भी रख सकते हैं. इससे आपको बिना नल वाले मटके से पानी निकालने में आसानी होगी. अगर आप नल वाला मटका ले आते हैं, तो अति उत्तम. इस प्रकार, गर्मी के मौसम में मिट्टी से बने मटके को खरीदकर न केवल आप सेहतमंद रहेंगे, बल्कि आपकी आर्थिक सेहत भी सुधरी रहेगी.
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