Satta Matka Tax on Lottery: केरल में एक मछली विक्रेता ने 70 लाख रुपये की लॉटरी जीत ली है. केरल के कोल्लम जिले में मैनागपल्ली के पुकुंजू ने 12 अक्टूबर को इस लॉटरी का टिकट खरीदा था, जिसमें पहला पुरस्कार 70 लाख रुपये का था. लेकिन क्या आप जानते हैं कि लॉटरी में जीती गई कुल रकम का हकदार, जीतनेवाला नहीं मिलता. जी हां, सट्टा-मटका, लॉटरी, गेम शो या ऑनलाइन गेमिंग में पैसे जीतने पर प्राइजमनी की एक निश्चित रकम टैक्स के रुप में सरकार को चुकानी होती है. नियमों के अनुसार, देश में होनेवाली लगभग हर तरह की आय या इनकम, कर यानी टैक्स के दायरे में आती है और सरकार उसपर एक निर्धारित टैक्स वसूलती है.
इनकम टैक्स या आयकर के नियमों के अनुसार, किसी भी लॉटरी, गेम शो, क्विज शो, प्रतियोगिता आदि में जीती गई रकम कानूनन टैक्स चुकाना होता है. चाहे वह सट्टा मटका का खेल हो, कोई लॉटरी हो या इन दिनों टीवी पर कौन बनेगा करोड़पति (KBC) गेम शो. इसी तरह के अनगिनत गेम शो, ऑनलाइन बेटिंग गेम आदि के विज्ञापन आप सोशल मीडिया पर अक्सर देखते होंगे. सरकार इनसे बचने की सलाह तो देती है, लेकिन दूसरी तरफ इस पर टैक्स लगाकर राजस्व भी वसूलती है. इस तरह के लेनदेन को फिलहाल जीएसटी में के दायरे में लाने पर विचार चल रहा है.
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लॉटरी या किसी गेम में कोई रकम या पुरस्कार जीतने पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 का सेक्शन 194बी लागू होता है. इसके अनुसार, किसी प्रतियोगिता में जीती गई राशि अगर 10 हजार रुपये से ज्यादा है, तो इसपर पहले टीडीएस कटेगा और इससे बची प्राइजमनी जीतनेवाले को मिलेगी. लॉटरी या प्रतियोगिता में जीती गई रकम या वस्तु की कीमत 10 हजार रुपये से अधिक होने की स्थिति में उस पर 30 प्रतिशत टैक्स कटता है. इसके अलावा, इसपर 4 प्रतिशत का सरचार्ज भी कटता है. यह कटौती किसी भी हाल में रिफंडेबल नहीं है. आयकर की धारा 194 बी और 194 बीबी में यह बात बतायी गई है.
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