SBI VRS Plan 2020 : देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना-2020 (New SBI VRS Plan 2020) जारी किया है. बैंक की इस योजना को सेकंड इनिंग टैप वोलंटरी रिटायरमेंट स्कीम-2020(SITVRS-2020) भी कहा जाता है. डाक घर के बचत खाते में जीरो बैलेंस होने पर भरना पड़ेगा जुर्माना, जानिए अकाउंट में कितना रहना चाहिए पैसा?
फिलहाल, एसबीआई के तकरीबन 11,565 अधिकारी और 18,625 कर्मचारी इस नयी स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना के लिए योग्य घोषित किए गए हैं. बैंक की इस योजना के तहत अधिकारियों और कर्मचारियों को सेवाकाल के बचे हुए समय के लिए उनके वेतन का 50 फीसदी भुगतान किया जाएगा. यदि पात्र कर्मचारियों में से 30 फीसदी नयी योजना के साथ जाने का फैसला करते हैं, तो बैंक को इससे करीब 2,170.85 करोड़ रुपये की बचत होगी. यह एसबीआई द्वारा सबसे बड़ा कदम है, जिसका उद्देश्य अपने कर्मचारियों के साथ-साथ बैंक को भी लाभ पहुंचाना है.
क्यों लाया गया SBI VRS Plan 2020?
फिलहाल, कोविड-19 महामारी ने निजी क्षेत्र में नौकरी के बड़े नुकसान का कारण बना है. इस महामारी की वजह से युवा अब एक स्थिर, सुरक्षित और विकास के लिए आशाजनक करियर की तलाश कर रहे हैं. ऐसे में, बैंक जॉब्स (Bank jobs) एक बेहतर करियर विकल्प हो सकता है, जो करियर ग्रोथ के साथ जॉब सिक्योरिटी भी प्रदान करती है. एसबीआई ने नयी स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति योजना पेश की है, जिससे भारतीय स्टेट बैंक में काम करना और भी अधिक आशाजनक है और आने वाले समय में देश के हजारों बेरोजगारों को नौकरी मिल सकेगी.
SBI VRS योजना के लिए क्या पात्रता शर्त और कितना लाभ मिलेगा लाभ?
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स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (Voluntary retirement scheme) हर साल 1 दिसंबर से जनवरी तक खुली रहेगी.
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जो कर्मचारी इस योजना का विकल्प चुनते हैं, उन्हें सेवा के अवशिष्ट अवधि (Residual period) के लिए अपने वेतन का 50 फीसदी मिलेगा.
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यह वीआरएस विकल्प सभी स्थायी एसबीआई अधिकारियों (Permanent SBI Officers) और कर्मचारियों के लिए खुला होगा] जिन्होंने 25 साल की सेवा पूरी कर ली है और उनकी उम्र 55 वर्ष है.
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एसबीआई अधिकारी जो अपने वर्तमान पैमाने में 3 या अधिक पदोन्नति अवसर (Promotion opportunity) से चूक गए हैं, वे भी इस वीआरएस योजना के लिए पात्र होंगे.
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कई अधिकारी जिनके पास खुद या केयर टेकर के लिए गतिशीलता प्रतिबंध (Mobility restriction) है, वे भी इस योजना का विकल्प चुन सकते है.
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यह इस महामारी की स्थिति के दौरान कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से सहायक होगा.
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यह SBI employees को एक सम्मानजनक निकास मार्ग भी प्रदान करता है, जो महसूस करते हैं कि वे अपने करियर में एक संतृप्ति स्तर (Saturation level) तक पहुंच गए हैं.
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इस वीआरएस योजना को लेने वाले एसबीआई कर्मचारी सेवानिवृत्ति की तारीख से 2 साल के कूलिंग पीरियड के बाद बैंक में जुड़ने/दोबारा नियोजन के लिए पात्र होंगे.
योजना से क्या होगा फायदा?
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स्कीम में हिस्सा लेने वाले कर्मचारियों को उनकी बची हुई नौकरी की मियाद के 50 फीसदी के बराबर वेतन मिलेगा, लेकिन ये मौजूदा वेतन के 18 महीने की रकम से ज्यादा नहीं होगा.
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वेतन पर नियमों के मुताबिक इनकम टैक्स भी चुकाना होगा.
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नियमों के मुताबिक, ग्रेच्युटी और प्रॉविडेंट फंड का भी लाभ मिलेगा.
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पेंशन, बची छुट्टी का नकदीकरण (Encashment) की भी सुविधा रहेगी.
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बैंक पॉलिसी के तहत रियायती दरों पर हाउसिंग लोन, कार लोन, एजुकेशन लोन मिलेगा.
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अगर कर्मचारी ने पहले लोन लिया है, तो उसकी भरपाई पहले ही करनी होगी.
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VRS लेने के बाद जिस जगह कर्मचारी सेटल हो रहा है, उसका ट्रैवल अलाउंस और बैगेज अलाउंस भी मिलेगा.
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अगर कोई कर्मचारी बैंक की ओर से दिया गया फर्नीचर या दूसरी चीजें अपने साथ ले जाना चाहता है, तो उसे बैंक के नियमों के तहत रकम अदा करनी होगी.
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स्कीम लेने वाले लोग सेटलमेंट में दी जा रही रकम को किसी भी तरह से चुनौती नहीं देंगे, उनके उत्तराधिकारी भी कानूनी तौर पर चुनौती नहीं दे सकेंगे.
Posted By : Vishwat Sen
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