State Bank of India FD Rates: भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने होम लोन समेत तमाम लोन को महंगा करने के बाद अब अपने ग्राहकों को सौगात दी है. देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. ब्याज दरों में 40 से 90 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की गयी है. एफडी पर बढ़ी हुई ब्याज दरें 10 मई से लागू हो गयीं हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से अचानक रेपो रेट में वृद्धि के बाद एसबीआई समेत कई बैंकों ने होम लोन समेत तमाम लोन पर ब्याज दरें बढ़ा दी. इसने ग्राहकों की जेब पर बोझ डाला. अब बैंकों ने थोड़ी राहत देने की कोशिश के तहत एफडी पर ब्याज दरें बढ़ाने की घोषणा की है.
आम ग्राहकों को नहीं होगा फायदा
हालांकि, इसका लाभ आम ग्राहकों को नहीं मिलने जा रहा है. एसबीआई ने 2 करोड़ रुपये या इससे अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर ही ब्याज दरें बढ़ायीं हैं. एसबीआई की वेबसाइट पर जो जानकारी दी गयी है, उसके अनुसार, अगर आप 2 करोड़ रुपये या इससे अधिक बैंक में तीन साल से पांच साल अथवा 5 से 10 साल के लिए जमा करते हैं, तो आपको ब्याज दरों में 0.90 फीसदी तक का फायदा होगा.
Also Read: SBI का ग्राहकों के लिए Alert, ऐसा नहीं करने पर बैंक अकाउंट से नहीं निकाल पाएंगे पैसे
90 बेसिस प्वाइंट तक बढ़ायी ब्याज दरें
स्टेट बैंक पहले इस ब्रैकेट के अपने ग्राहकों को 3.60 फीसदी की दर से ब्याज देता था, अब इस पर 4.50 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा. इसी तरह, 2 से 3 साल की अवधि वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाली ब्याज दरों को 3.60 फीसदी से बढ़ाकर 4.25 फीसदी कर दिया गया है. 1 से 2 साल में मैच्योर होने वाली एफडी पर एसबीआई अब 4 फीसदी की दर से ब्याज देगा. पहले 3.60 फीसदी की दर से ब्याज मिलता था.
इन्हें मिलेगा नयी ब्याज दरों का फायदा
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अब अपने ग्राहकों को 46 से 179 दिन और 180 से 210 दिन की अवधि वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर 3.50 फीसदी की दर से ब्याज देगा. 211 दिन से एक साल से कम अवधि वाली फिक्स्ड डिपॉजिट पर बैंक अब 3.75 फीसदी ब्याज देगा. नयी ब्याज दरें नयी फिक्स्ड डिपॉजिट और मैच्योर होने पर रिन्यू करायी जाने वाली एफडी पर लागू होंगी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.