माल्या, मोदी, चोकसी की बैंक धोखाधड़ी मामला: ईडी ने शेयरों को बेचकर सरकार और बैंकों को सौंपी 792.11 करोड़ रुपये
इसके पहले, 23 जून को ईडी ने माल्या, मोदी और चोकसी की करीब 18,170.02 करोड़ रुपये की जब्त संपत्ति में से करीब 9,371.17 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकार और बैंकों को सौंपी थी. इन तीनों भारतीय कारोबारियों ने अपनी-अपनी कंपनियों के जरिए बैंकों से धोखाधड़ी करके देश छोड़कर फरार हो गए. इनमें से दो विजय माल्या और नीरव मोदी लंदन में हैं, जबकि मेहुल चोकसी डोमिनिका में है.
नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा है कि उसने विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी बैंक धोखाधड़ी मामले में एसबीआई के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को सौंपे गए शेयरों की बिक्री 792.11 करोड़ रुपये की वसूली की है. इस मामले में बैंकों और भारत सरकार को जब्त की गई संपत्ति में से अब तक करीब 13,109.17 करोड़ रुपये सौंप दिए गए हैं.
Today, SBI led consortium has further realised Rs 792.11 cr by sale of shares handed over to consortium by ED. Till date assets worth Rs 13,109.17 Cr have been handed over to bank/ confiscated to govt of India in the case of Vijay Mallya, Nirav Modi and Mehul Choksi: ED pic.twitter.com/F9L5RcU40p
— ANI (@ANI) July 16, 2021
इसके पहले, 23 जून को ईडी ने माल्या, मोदी और चोकसी की करीब 18,170.02 करोड़ रुपये की जब्त संपत्ति में से करीब 9,371.17 करोड़ रुपये की संपत्ति सरकार और बैंकों को सौंपी थी. इन तीनों भारतीय कारोबारियों ने अपनी-अपनी कंपनियों के जरिए बैंकों से धोखाधड़ी करके देश छोड़कर फरार हो गए. इनमें से दो विजय माल्या और नीरव मोदी लंदन में हैं, जबकि मेहुल चोकसी डोमिनिका में है.
इन तीनों कारोबारियों की धोखाधड़ी से बैंकों को करीब 22586.83 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. ईडी ने बैंकों को हुए नुकसान के करीब 80 फीसदी के बराबर संपत्तियों को जब्त कर लिया है. जांच एजेंसी सीबीआई की ओर से दायर की गई एफआईआर के अनुसार, ईडी ने धोखाधड़ी की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी है और देश-विदेश में हुए लेनदने और विदेश में संपत्ति का पता लगाया. जांच में पता चला है कि इन तीनों कारोबारियों ने अपने नियंत्रण की फर्जी कंपनियों के जरिए बैंकों के साथ धोखाधड़ी की है.
ईडी की ओर से माल्या, मोदी और चोकसी की 18,170.02 करोड़ रुपये की जिन संपत्तियों को जब्त किया है, उनमें 969 करोड़ रुपये की विदेश की संपत्तियां भी शामिल हैं. इन तीनों कारोबारियों के खिलाफ प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया गया है और इन्हें विदेश से भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया भी जारी है.
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