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31 मार्च से अपने ग्राहकों को झटका देने की तैयारी में SBI, जानें ये होंगे बड़े बदलाव

CoronaVirus की महामारी के बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) अपने ग्राहकों को झटका देने की तैयारी में है. SBI 31 मार्च से अपने ग्राहकों के लिए नये नियम लाने जा रही है. अगर आप SBI के ग्राहक है तो, यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है.

नयी दिल्ली : कोरोनावायरस की महामारी के बीच स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) अपने ग्राहकों को झटका देने की तैयारी में है. एसबीआई 31 मार्च से अपने ग्राहकों के लिए नये नियम लाने जा रही है. अगर आप एसबीआई के ग्राहक है तो, यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है.

दरअसल, एसबीआई 31 मार्च के बाद बैंक लॉकर का रेंट बढ़ाने जा रही है. इस फैसले से एसबीआई के हजारों ग्राहकों पर असर पड़ेगा. आइये जानते हैं एसबीआई के बैंक लॉकर में क्या क्या बदलाव कर रही है?

एसबीआई ने सेफ डिपॉजिट लॉकर का रेंटल सालाना चार्ज 500 रुपये महंगा करने का फैसला किया है. नये रेट के अनुसार एक साल के लिए स्मॉल लॉकर रेंटल चार्ज अब 2,000 रुपये का हो गया है. वहीं एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर अब ग्राहकों को 9,000 रुपये के बजाए 12,000 रुपये में मिलेगा.

एसबीआई ने मीडियम लॉकर का रेंटल चार्ज 1000 रुपये बढ़ दिया है. अब ग्राहकों को एक साल के लिए 4,000 रुपये चुकाने होंगे. पहले इसके लिए 3,000 ही चुकाने पड़ते थे.

33 प्रतिशत बढ़ोतरी– एसबीआई के इस फैसले से लॉकर रेंट की कीमत में 33 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. हालांकि यह बढ़ोतरी सिर्फ शहरी क्षेत्रों में की गई है. बढ़ोतरी का नियम ग्रामीण क्षेत्रों में लागू नहीं होगी.

40 प्रतिशत जुर्माना– नये नियम के अनुसार अब समय पर लॉकर का किराया नहीं भरने पर 40 प्रतिशत तक जुर्माना हो सकता है. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अन्य नियमों के अनुसार यदि आपने इसे 1 साल में कम से कम एक बार नहीं खोला तो बैंकों को आपके लॉकर को खोलने की अनुमति है. हालांकि ऐसा करने से पहले बैंक आपको एक नोटिस भेजता है.

लॉकर का करा सकते हैं बीमा– बैंक लॉकर में रखे सामानों की सुरक्षा की गारंटी तो लेती है, लेकिन चोरी डकैती होने पर आपको वापस रकम नहीं देती है. बीमा कराने की स्थिति में यह रकम वापस मिल सकती है.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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