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SBI का रिपोर्ट में दावा, ब्रिक्स से जुड़ने वाले 6 सदस्यों का GDP में हिस्सा 11 प्रतिशत, टॉप पर होगा साउदी अरब

एसबीआई रिसर्च द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, पांच सदस्यीय ब्रिक्स में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शामिल होने के बाद वैश्विक जीडीपी में समूह की हिस्सेदारी मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाएगी.

उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह ब्रिक्स में जनवरी से जुड़ने जा रहे छह देशों की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में हिस्सेदारी सिर्फ 11 प्रतिशत होगी. एक विश्लेषण के बाद जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें भी सबसे ज्यादा चार प्रतिशत का हिस्सा सऊदी अरब का होगा. एसबीआई रिसर्च द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, पांच सदस्यीय ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शामिल होने के बाद वैश्विक जीडीपी में समूह की हिस्सेदारी मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाएगी और समूह का वैश्विक आबादी में हिस्सा 46 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा.

भारत की समूह में जीडीपी हिस्सेदारी मौजूदा के 12 प्रतिशत

एक जनवरी, 2024 से प्रभावी हो रहे विस्तार की घोषणा ब्रिक्स की हाल में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में हुई बैठक में की गई. ब्रिक्स के सकल घरेलू उत्पाद में फिलहाल चीन की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत है, जो एक जनवरी को घटकर 62 प्रतिशत रह जाएगी, वहीं भारत की समूह में जीडीपी हिस्सेदारी मौजूदा के 13 प्रतिशत से घटकर 12 प्रतिशत रह जाएगी. ब्रिक्स के जीडीपी में रूस की हिस्सेदारी आठ प्रतिशत, ब्राजील की सात प्रतिशत और दक्षिण अफ्रीका की दो प्रतिशत है. यह कुल मिलाकर वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 26 प्रतिशत बैठता है. रिपोर्ट के अनुसार, विस्तार के बाद रूस की हिस्सेदारी घटकर सात प्रतिशत रह जाएगी, दक्षिण अफ्रीका की घटकर एक प्रतिशत रह जाएगी. हालांकि, ब्राजील की हिस्सेदारी में कोई बदलाव नहीं होगा.

सऊदी अरब की सबसे बड़ी व्यापारिक भागीदारी

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि इन छह अर्थव्यवस्थाओं में वित्त वर्ष 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार में 6,81,259 करोड़ रुपये के साथ यूएई, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार रहा है. इसके बाद सऊदी अरब (4,23,834 करोड़ रुपये), मिस्र (48,792 करोड़ रुपये), अर्जेंटीना (39,100 करोड़ रुपये), ईरान (18,680 करोड़ रुपये) और इथियोपिया (5,154 करोड़ रुपये) का स्थान है.

ब्रिक्स में शामिल ये छह नये देश

ब्रिक्स संगठन में छह नये देशों को शामिल किया गया. जिसमें अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने नये देशों को शामिल किये जाने पर कहा, हमने छह नये देशों को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया, नए सदस्य देश एक जनवरी 2024 से ब्रिक्स का हिस्सा बन जाएंगे.

हमने ब्रिक्स के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए : पीएम मोदी

ब्रिक्स सम्मेलन के तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा था कि हमने ब्रिक्स के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है. भारत का मानना रहा है कि नए सदस्यों को जोड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा. पीएम मोदी ने कहा, मुझे खुशी है कि हमारी टीम ब्रिक्स के विस्तार के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों, प्रक्रियाओं पर एक साथ सहमत हुई हैं. मुझे विश्वास है कि हम समूह के नए सदस्य देशों के साथ काम करके ब्रिक्स को नयी गति दे पाएंगे. इन सभी देशों के साथ भारत के बहुत गहरे और ऐतिहासिक संबंध रहे हैं.

एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के सूत्र बढ़ रहे आगे: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, हम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के सूत्र वाक्य के साथ सभी देशों के संग आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. हमने अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता देने का भी प्रस्ताव किया है. मैं आश्वस्त हूं कि ब्रिक्स देश जी20 में भी इस पर एकजुट रहेंगे और हमारे प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. अफ्रीकी संघ 55 देशों का एक संगठन है, जिसमें अफ्रीका महाद्वीप के देश शामिल हैं.

पीएम मोदी ने दिये पांच विशेष सुझाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष अनुसंधान, शिक्षा, कौशल विकास, प्रौद्योगिकी, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और पारंपरिक दवा सहित कई क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए पांच विशेष सुझाव भी दिए. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि ब्रिक्स उपग्रह समूह पर पहले से काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि सदस्य देशों को एक अंतरिक्ष अन्वेषण समूह बनाने के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने बैठक में कहा, ब्रिक्स को भविष्य के लिए तैयार करने के लिए हमें अपने समाजों को भविष्य के लिहाज से तैयार करना होगा.

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