SBI WeCare Schemes: ज्यादातर लोग अपनी जमापूंजी को किसी सुरक्षित जगह पर निवेश करना चाहते हैं. ऐसे में वो सीधे बैंक का रुख करते हैं. बैंक फिक्स डिपॉजिट (Fixed Deposit) सुरक्षित निवेश का सबसे आसान तरीका है. इसमें पैसा सुरक्षित रहने के साथ रिटर्न भी जोरदार मिलता है. खासतौर से सीनियर सिटीजंस एफडी में निवेश करना ज्यादा पसंद करते हैं. ऐसी ही एक स्कीम देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक के द्वारा चलाया जा रहा है. इस शानदार स्कीम का नाम है SBI WeCare Scheme. मगर इस स्कीम में निवेश करने का केवल चार दिन ही मौका बचा है. ये स्कीम 30 सितंबर 2023 को बंद होने वाली है. स्टेट बैंक ऑफि इंडिया की वीकेयर स्कीम में निवेशक को शानदार रिटर्न मिलने वाला है. इसमें एक और अच्छी बात ये है कि निवेश योजना में आमलोगों से ज्यादा ब्याज वरिष्ठ नागरिकों को ऑफर किया जाता है. ऐसे में इस स्किम का लाभ लोगों को जल्द से जल्द उठा लेना चाहिए.
SBI WeCare Scheme में मिलेगा अच्छा रिटर्न
SBI WeCare Scheme स्कीम में कम से कम निवेश में आप 5 से 10 साल में अच्छा रिटर्न पा सकते हैं. दरअसल, एसबीआई वीकेयर स्पेशल एफडी स्कीम की शुरुआत कोविड के समय में सीनियर सिटीजंस को उनके पैसे सुरक्षित रखने के विकल्प के तौर पर पेश किया गया था. इसके साथ ही, बैंक इसके जरिए कोविड के कारण आए व्यापारिक मंदी से बाहर निकलने के लिए भी मार्केट में लॉच किया था. सामान्य फिक्स डिपॉजिट में देश के वरिष्ठ नागरिकों को 50 बेसिस प्वाइंट का फायदा मिलता है. मगर, एसबीआई वी केयर स्कीम में उन्हें 50 अतिरिक्त बेसिस प्वाइंट का बेनिफिट दिया जाता है. इसका सीधा अर्थ है कि कुल एक प्रपतिशत ज्यादा ब्याज मिलता है. वर्तमान में इस स्कीम में निवेश करने पर आपको 7.50 प्रतिशत का ब्याज प्राप्त होगा. वहीं, एसबीआई की रेगुलर एफडी में ब्याज दरें 7 दिनों से लेकर 10 सालों तक की अवधि के लिए 3.50 फीसदी और 7.50 फीसदी के बीच है.
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नहीं बढ़ेगी स्कीम की डेडलाइन
सूत्रों के अनुसार, खास बुजुर्गों को फायदा कराने वाली स्टेट बैंक की SBI WeCare Scheme की डेडलाइन बढ़ाने पर बैंक के द्वारा विचार नहीं किया जा रहा है. हालांकि, इससे पहले बैंक के द्वारा स्कीम की डेडलाइन को तीन महीने तक आगे बढ़ा दिया गया था. कोविड के महामारी काल में शुरू हुए इस स्कीम की डेडलाइन पहले 30 जून 2023 तक रखी गयी थी. हालांकि, हाल ही में कई बैंकों ने अपने यहां एफडी निवेश पर ब्याज दरों को बढ़ाया है. इसका कारण है कि बढ़ी महंगाई को काबू करने के लिए शीर्ष बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा नीतिगत ब्याज दरों यानी रेपो रेट (Repo Rate) में इजाफा किया था. इसके चलते लोगों पर बोझ भी बढ़ा था, लेकिन इस बीच अपने ग्राहकों को राहत देने के लिए देश के तमाम बैंकों ने अपने यहा एफडी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला किया. कई बैंक अभी नौ प्रतिशत तक ब्याज ऑफर कर रहे हैं.
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फिक्स डिपॉजिट क्या है
फिक्स डिपॉजिट एक वित्तीय उपाधि है जिसमें एक व्यक्ति या निगम एक निश्चित रकम को निर्धारित समयावधि के लिए एक वित्तीय संस्था या बैंक में जमा करता है. यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए उपयुक्त होता है जिनके पास अधिशेष पैसे होते हैं जो वे वर्तनी नहीं करना चाहते हैं लेकिन उन्हें इसे एक सुरक्षित जगह पर निवेश करना चाहिए.
फिक्स डिपॉजिट की मुख्य विशेषताएं:
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निश्चित अवधि: इसमें निश्चित अवधि का पालन किया जाता है, जिसके बाद परिमाण और उधारी रेट पर वस्त्र वितरण किया जाता है.
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उधारी रेट: फिक्स डिपॉजिट की उधारी रेट आमतौर पर अन्य जमा योजनाओं की तुलना में अधिक होती है.
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पूर्व-निर्धारित वापसी नहीं: निश्चित अवधि के दौरान निकासी या वापसी की अनुमति नहीं होती है.
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निवेश की सुरक्षा: फिक्स डिपॉजिट वित्तीय संस्था द्वारा निर्धारित अवधि तक सुरक्षित रहता है.
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आय प्राप्ति: उधारी रेट पर वस्त्र वितरण के लिए निवेश करने के फलस्वरूप, फिक्स डिपॉजिट द्वारा आय प्राप्त होती है.
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अवसर लाभ: यदि बाजार में व्यापारिक रुखों के कारण उधारी दरें बढ़ती हैं, तो फिक्स डिपॉजिट होल्डर अधिशेष उधारी रेट पर लाभ कमा सकते हैं.
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