नई दिल्ली : भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है. सर्वोच्च अदालत में माल्या की ओर से मुंबई की एक अदालत के उस फैसले के खिलाफ चुनौती याचिका दायर की थी, जिसमें उनकी संपत्ति को जब्त करने का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या की चुनौती याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है. इसके साथ ही, भगोड़े कारोबारी को आर्थिक अपराधी घोषित करने के साथ संपत्ति जब्त की जाएगी.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की एक याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. यह याचिका आर्थिक अपराधी घोषित करने और संपत्ति जब्त करने के लिए मुंबई की एक अदालत में जारी कार्यवाही को चुनौती देने के लिए दायर की गई थी. सर्वोच्च अदालत ने विजय माल्या के वकील की इस दलील के बाद अभियोजन नहीं चलाने की याचिका खारिज कर दी है कि उन्हें इस मामले में याचिकाकर्ता से कोई निर्देश नहीं मिल रहा है. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि वह इस मामले में उन्हें कोई कोई निर्देश नहीं दे रहा है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि इस बयान के मद्देनजर मुकदमा नहीं चलाने की याचिका खारिज की जाती है.
सुप्रीम कोर्ट ने माल्या की याचिका पर 7 दिसंबर 2018 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया था और मुंबई में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत के समक्ष जांच एजेंसी की याचिका पर कार्यवाही पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. मुंबई की विशेष अदालत ने पीएमएलए अधिनियम के तहत 5 जनवरी 2019 को विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया था.
Also Read: भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को लगा तगड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट में केस लड़ने से वकील का इनकार
अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक बार किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए जाने के बाद अभियोजन एजेंसी के पास उसकी संपत्ति जब्त करने की शक्तियां होती हैं. विजय माल्या मार्च 2016 में ब्रिटेन भाग गया था. वह किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) को कई बैंकों की ओर से दिए गए 9000 करोड़ रुपये की अदायगी में चूक से जुड़े मामले में भारत में वांछित है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.