रॉकेट से बुलेट बना इस सरकारी कंपनी का शेयर, जानें इसका Share Price
SCI Share Price: सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ कंपनियों में रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री यानी निजीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है और अब यह अंतिम चरण में पहुंच गई है. शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया को सरकार इसी साल पूरा कर लेगी.
SCI Share Price: सार्वजनिक क्षेत्र की सरकारी कंपनी शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) के शेयर गुरुवार को रॉकेट बन गए थे, लेकिन निजीकरण की खबर आने के बाद इनकी रफ्तार में कमी आई और ये बुलेट बन गए. इन दो दिनों के अंदर एससीआई के शेयर प्राइस (Share Price) में करीब 12.93 रुपये प्रति शेयर की गिरावट दर्ज की गई. गुरुवार सुबह बाजार खुलने के बाद एनएसई में करीब 11.15 बजे कंपनी का शेयर 18.88 फीसदी की बढ़त के साथ 327.10 रुपये पर पहुंच गया और बाजार बंद होने पर 380.70 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया. शुक्रवार को दोपहर 12 बजे यह शेयर 12.37 फीसदी गिरकर 351.65 रुपये प्रति शेयर के स्तर पर पहुंच गया. खबर लिखे जाने तक इसका शेयर गिरकर 349.95 पैसे प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है.
जहाजरानी मंत्रालय ने रखा संयुक्त उद्यम बनान का प्रस्ताव
अंग्रेजी के अखबार मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, जहाजरानी मंत्रालय ने विदेशी कंपनियों पर निर्भरता को कम करने के लिए शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन को मिलाकर एक संयुक्त उद्यम बनाने का प्रस्ताव सरकार को दिया है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के साथ शुरू होने वाले संयुक्त उद्यम के दौरान शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया बड़े ऑयल टैंकरों का निर्माण करेगी.
निजीकरण को प्रधानमंत्री कार्यालय से मंजूरी मिलने का इंतजार
मनी कंट्रोल की एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ कंपनियों में रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री यानी निजीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है और अब यह अंतिम चरण में पहुंच गई है. अब केवल प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है. जिन सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री करने की योजना है, उसमें शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया भी शामिल है.
इस साल पूरी हो सकती है निजीकरण की प्रक्रिया
मनी कंट्रोल ने मामले से जुड़े अधिकारी के हवाले से अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया को सरकार इसी साल पूरा कर लेगी. अधिकारी ने कहा कि इसके लिए वित्तीय बोलियां मंगाई जानी चाहिए. हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि देश में मजबूत विपक्ष होने की वजह से केंद्र की एनडीए सरकार को शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री करना आसान नहीं होगा.
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निजीकरण का पड़ा कंपनी के शेयर पर असर
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया में सरकार की रणनीतिक हिस्सेदारी की खबर सामने आने के बाद कंपनी के शेयर में गिरावट देखी जा रही है. उनका कहना है कि कंपनी के कर्मचारी निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. इन सभी कारकों से बाजार की धारणा भी प्रभावित हो रही है, जिसका असर कंपनी के शेयर पर दिखाई दे रहा है.
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