नई दिल्ली : एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट 2022 पेश करेंगी. इस बार के बजट में देश के आम करदाताओं को सरकार से ढेर सारी राहत मिलने की उम्मीद है. उम्मीद यह जाहिर की जा रही है कि इस साल के बजट में सरकार आम करदाताओं को टैक्स में छूट की सीमा बढ़ाने के साथ ही 80सी का दायरा बढ़ाएगी. इसके साथ ही, नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश का दायरा भी बढ़ाया जा सकता है.
देश के आर्थिक विशेषज्ञों की राय है कि इस साल के बजट में कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए केंद्र की मोदी सरकार आम लोगों को विभिन्न प्रकार की राहत और छूट दे सकती है. इसके पीछे विशेषज्ञों का तर्क यह है कि अगर सरकार टैक्स छूट के दायरे को बढ़ाने के साथ आम इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतों पर राहत देती है, तो लोगों के खर्च की क्षमता बढ़ेगी, जिसका व्यापक असर भारत की अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल सकता है.
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान और उसके बाद बीमा प्रीमियम में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ऐसे में इस दायरे में मिलने वाली आयकर छूट की सीमा दोगुनी किए जाने की उम्मीद है. इसके साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ये सीमा बढ़ाकर 1 लाख और बाकी लोगों के लिए 50 हजार रुपये तक हो सकती है. वहीं, आम लोगों पर लगने वाले ब्याज पर मिलने वाली छूट का दायरा 2 लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक किया जा सकता है.
इसके साथ ही, विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि आयकर की धारा 80सी के विकल्प के तौर पर नेशनल पेंशन स्कीम में 50 हजार रुपए के निवेश के दायरे में लंबे समय से बढ़त नहीं हुई है. ऐसे में सरकार से उम्मीद है कि इसमें 1 लाख रुपये तक के निवेश की इजाजत दी जा सकती है, ताकि टैक्स छूट के साथ-साथ लोगों को रिटायरमेंट का अच्छा खासा फंड इकट्ठा हो सके.
Also Read: वर्क फ्रॉम होम करने वालों को बजट 2022 में टैक्स छूट के साथ मिल सकते हैं कई लाभ, जानिए कैसे?
इसके अलावा, कारोबारी साल में फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में अब तक 5 साल के निवेश पर ही टैक्स छूट मिलती है, लेकिन इस साल के बजट में सरकार से उम्मीद लगाई जा रही है कि अब 3 साल की एफडी से भी टैक्स छूट का फायदा दिया जाएगा. इस वजह से लोगों को टैक्स का फायदा लेने के लिए लंबे समय तक अपना पैसा ब्लॉक नहीं करना पड़ेगा. विशेषज्ञों का अनुमान यह भी है कि कि क्रिप्टोकरंसी पर टैक्स लगाने से जुड़े नए नियम भी सरकार बजट में पेश कर सकती है. अभी तक इसमें मौजूदा टैक्स स्लैब में कमाई के आधार पर टैक्स वसूला जाता है, लेकिन यहां हो रहे बड़े निवेश को देखते हुए सरकार इस मद से कमाई का मौका ढूढ़ सकती है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.