SEBI Guidelines: 14 नवंबर से शेयर बिक्री के लिए डीमैट खातों में ब्लॉक मैकेनिज्म जरूरी

SEBI ने शेयर्स की बिक्री के लिए अपने सम्बंधित डीमैट अकाउंट पर सिक्योरिटी को ब्लॉक करना जरुरी कर दिया है. ये नये नियम 14 नवंबर से लागू कर दिए जाएंगे. SEBI ने इसे जुलाई के महीने में पेश करने की बात कही थी और अगस्त के महीने में इसे वैकल्पिक घोषित किया गया था.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2022 12:45 PM

SEBI New Guideline: शेयर बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने नये नियमों की घोषणा की है. इन नियमों के अनुसार 14 नवंबर से शेयर्स की बिक्री करने पर सम्बंधित डीमैट अकाउंट पर सिक्योरिटीज को ब्लॉक करना जरुरी हो जाएगा. यह नियम 14 नवंबर से पूरी तरह से लागू कर दिए जाएंगे. इन नियमों के लागू किये जाने के बाद शेयर ग्राहक के डीमैट अकाउंट से जुड़े क्लियरिंग कॉरपोरेशन के खाते में स्थानांतरित किए जाएंगे. अगर इन शेयर्स की बिक्री नहीं हो पायी तो यह शेयर्स वापस निवेशकों के खाते में चले जाएंगे और कारोबार दिन के अंत तक इन्हे ब्लॉक से हटा दिया जाएगा.

Block Mechanism क्या है?

बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को निवेशकों के लिये बिक्री सौदों को लेकर अपने डीमैट खातों में प्रतिभूतियां रोकने यानी ‘ब्लॉक’ करने की व्यवस्था को अनिवार्य कर दिया. फिलहाल निवेशकों के लिये यह सुविधा वैकल्पिक है. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि बिक्री सौदा करने वाले निवेशकों के डीमैट खातों (प्रतिभूतियों और शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखने का खाता) में ‘ब्लॉक’ व्यवस्था 14 नवंबर से अनिवार्य हो जाएगी.

इस व्यवस्था के तहत बिक्री सौदा करने को इच्छुक निवेशकों के शेयरों को संबंधित समाशोधन निगम के पक्ष में उसके डीमैट खाते में अवरुद्ध कर दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि नियामक ने जुलाई में ‘ब्लॉक’ व्यवस्था लाने का निर्णय किया था. इसके तहत एक अगस्त से निवेशकों के पास यह विकल्प होता कि वे एक बिक्री सौदे के लिये अपने डीमैट खातों में प्रतिभूतियों को रोक सकते हैं. निवेशकों के लिये प्रारंभिक भुगतान पद्धति का विकल्प भी उपलब्ध है.

इस विकल्प के तहत शेयर ग्राहक के डीमैट खाते से संबंधित समाशोधन निगम के खाते में स्थानांतरित किये जाते हैं. यदि प्रारंभिक भुगतान व्यवस्था के तहत बिक्री सौदा नहीं हो पाता है तो उन शेयरों को ग्राहक के खाते में वापस कर दिया जाता है. इस प्रक्रिया में समय लगता है और इसमें लागत भी जुड़ी है. सेबी ने अब डिपॉजिटरी, समाशोधन निगम और शेयर बाजारों के साथ व्यापक परामर्श के बाद यह निर्णय किया है कि सभी शुरुआती भुगतान लेनदेन के लिये ‘ब्लॉक’ व्यवस्था की सुविधा अनिवार्य होगी. (इनपुट : भाषा)

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version