SEBI: बाजार में अफवाहों के खंडन या पुष्टि करने की समयसीमा बढ़ाई, जानें कब से लागू होगा नियम
SEBI: सेबी के ताजा परिपत्र के अनुसार, बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए यह समयसीमा बढ़ाकर एक फरवरी, 2024 तक कर दी गई है. पहले यह समयसीमा एक अक्टूबर, 2023 थी.
SEBI: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) शेयर बाजार अफवाहों से शेयर बाजार पर पड़ने वाले असर को लेकर काफी गंभीर है. इसे लेकर नया नियम बनाया गया है. हालांकि, बोर्ड ने अभी सूचीबद्ध कंपनियों को बड़ी राहत दी है. सेबी ने इसके लिए बनाये गए सख्त नियम की समयसीमा बढ़ा दी है. इससे वह इन अफवाहों का समय पर सत्यापन कर सकें. रिपोर्ट के अनुसार, सेबी के ताजा परिपत्र के अनुसार, बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए यह समयसीमा बढ़ाकर एक फरवरी, 2024 तक कर दी गई है. पहले यह समयसीमा एक अक्टूबर, 2023 थी. इसी तरह बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 250 कंपनियों के लिए यह समयसीमा अब एक अगस्त, 2024 से लागू होगी. पहले इसे एक अप्रैल, 2024 से लागू किया जाना था. इस नियम का मकसद सूचीबद्ध इकाइयों में कामकाज के संचालन को मजबूत करना है.
250 कपंनी को अगले साल अगस्त तक राहत
सेबी ने कहा कि बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 100 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए सूचीबद्धता दायित्व और खुलासा जरूरत (एलओडीआर) नियमों का कार्यान्वयन अब एक फरवरी, 2024 से होगा. वहीं बाजार पूंजीकरण के लिहाज से शीर्ष 250 कंपनियों के लिए यह नियम एक अगस्त, 2024 से लागू होगा. इससे पहले जून में सेबी ने नियमों को अधिसूचित करते हुए बाजार पूंजीकरण के आधार पर इन सूचीबद्ध कंपनियों को मुख्यधारा के मीडिया में बाजार अफवाह का खंडन या पुष्टि करने को कहा था. खुलासा जरूरतों के अनुसार, इन कंपनियों को निवेशक वर्ग के बीच चल रही किसी सूचना का 24 घंटे के अंदर मुख्यधारा के मीडिया के जरिये खंडन या पुष्टि करनी थी.
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सेबी क्या है
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities and Exchange Board of India) एक भारत सरकार का वित्तीय निगरानी और वित्तीय बाजारों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए निर्मित निगम है. यह भारतीय पूंजी बाजारों के निर्वाचन, सौंपदा विनिमय और पुंजी निवेश समुदायों को निगरानी और सुरक्षा प्रदान करता है. सेबी एक महत्वपूर्ण संस्था है जो भारतीय वित्तीय बाजारों को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए काम करती है. यह निवेशकों की सुरक्षा और सुरक्षा को महत्वपूर्ण मानता है. इसके मुख्य कार्य इस प्रकार से हैं:
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निगरानी और निर्देशन: सेबी भारतीय पूंजी बाजारों को निगरानी करता है ताकि उन्हें सुरक्षित, निष्पक्ष और नियमित बनाया जा सके.
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नियमन: सेबी निवेशकों और पूंजी बाजारों के लिए नियम और विधियों का पालन करवाता है और यदि कोई उल्लंघन होता है, तो उस पर कार्रवाई करता है.
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शिक्षा और शिक्षा: सेबी निवेशकों और पूंजी बाजार समुदाय को शिक्षित करता है ताकि वे वित्तीय निवेशों के लिए समय और धन लगाने के लिए सही निर्णय ले सकें.
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बाजारों का विकास: सेबी निवेशकों के लिए विभिन्न निवेश विकल्पों और वित्तीय सेवाओं को उपलब्ध करने के लिए पूंजी बाजारों के विकास को बढ़ावा देता है.
पिछले सप्ताह कंपनियों ने खोया 62,586.88 करोड़
BSE सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों में से पांच के बाजार पूंजीकरण (Market Cap) में बीते सप्ताह 62,586.88 करोड़ रुपये की गिरावट आई. सबसे ज्यादा नुकसान में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनियां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसज (टीसीएस) और इन्फोसिस रहीं. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 180.74 अंक या 0.27 प्रतिशत के नुकसान में रहा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 35.95 अंक या 0.18 प्रतिशत नीचे आया. समीक्षाधीन सप्ताह में टीसीएस का बाजार पूंजीकरण 26,308.58 करोड़ रुपये घटकर 12,91,919.56 करोड़ रुपये रह गया. इन्फोसिस का बाजार मूल्यांकन 25,296.43 करोड़ रुपये घटकर 5,95,597.10 करोड़ रुपये पर आ गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज की बाजार हैसियत 5,108.05 करोड़ रुपये घटकर 15,87,553.37 करोड़ रुपये रह गई. वहीं, हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 3,865.08 करोड़ रुपये घटकर 5,79,373.96 करोड़ रुपये रह गया. एचडीएफसी बैंक के बाजार पूंजीकरण में 2,008.74 करोड़ रुपये का नुकसान रहा और यह 11,57,145.86 करोड़ रुपये पर आ गया. इस रुख के उलट बजाज फाइनेंस की बाजार हैसियत 20,413.41 करोड़ रुपये बढ़कर 4,73,186.41 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण 8,520.13 करोड़ रुपये बढ़कर 5,19,279.14 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. आईटीसी की बाजार हैसियत 1,526.52 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,54,207.44 करोड़ रुपये रही. आईसीआईसीआई बैंक के बाजार पूंजीकरण में 1,296.63 करोड़ रुपये का उछाल आया और यह 6,66,728.97 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 535.48 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी के साथ 5,34,316.52 करोड़ रुपये रही. शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही. उसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी, एसबीआई, भारती एयरटेल और बजाज फाइनेंस का स्थान रहा.
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