मुंबई : बाजार विनियामक सेबी ने रैनबो इंडस्ट्रीज एंड कन्स्ट्रक्शन और इसके दो निदेशकों से करीब 11 करोड़ से अधिक की रकम वसूलने के लिए इनके शेयर्स, डीमैट और बैंक अकाउंट को अटैच करने का आदेश दिया है. सेबी के आदेश का पालन नहीं करने के बाद कंपनी और उसके निदेशकों के खिलाफ वसूली की कार्यवाही शुरू की गई थी. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने नवंबर 2018 में कंपनी और उसके निदेशकों को ब्याज के साथ निवेशकों का पैसा वापस करने का निर्देश दिया था.
रेनबो इंडस्ट्रीज ने सार्वजनिक निर्गम मानदंडों का अनुपालन किए बिना निवेशकों से रिडीमेबल प्रिफरेंस शेयरों (आरपीएस) के माध्यम से 11.36 करोड़ रुपये जुटाए थे. रैनबो ने 2011-12 के दौरान 6 करोड़ रुपये की राशि वाले 5,379 लोगों को आरपीएस जारी किया. 2012-13 की अवधि के लिए इसने 4,673 व्यक्तियों को 5.36 करोड़ रुपये का आरपीएस आवंटित किया.
जारी एक कुर्की नोटिस में सेबी ने बैंकों और डिपॉजिटरीज से कहा कि वे रेनबो इंडस्ट्रीज और उसके निदेशकों निधि योगेंद्र और धीरेन रवानी के खातों से कोई निकासी न होने दें. हालांकि, इन खातों में जमा करने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा, पूंजी बाजार विनियामक ने बैंकों को डिफॉल्टरों द्वारा रखे गए लॉकर सहित सभी खातों को अटैच करने का निर्देश दिया है.
नियामक ने कहा कि यह मानने के लिए पर्याप्त कारण है कि डिफॉल्टर बैंक खातों में मौजूद राशि और डीमैट खातों में प्रतिभूतियों का निपटान कर सकते हैं और प्रमाण पत्र के तहत राशि की वसूली परिणाम में देरी या बाधित होगी.
एक अलग नोटिस में नियामक ने नरेंद्र वल्लभजी बाहुवा के बैंक और डीमैट खातों को संलग्न करने का आदेश दिया है, ताकि कुल 5.73 लाख रुपये का बकाया वसूल किया जा सके.
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Posted By : Vishwat Sen
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