गौतम अदाणी की बढ़ गयी परेशानी! सेबी अब दुबई के व्यापारियों से मिले फंड की करेगा जांच

Adani Group: मार्केट रेगुलेटर सेबी अडानी ग्रुप और गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट फंड के संबंधों की जांच करने वाली है. SEBI अडानी समूह और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में निगमित एक फंड के बीच संबंधों की जांच कर रहा है ताकि यह देखा जा सके कि शेयर स्वामित्व नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं.

By Madhuresh Narayan | October 12, 2023 11:23 AM

Adani Group: अदाणी समूह के चेयरमैन और भारत के दूसरे सबसे बड़े रईस गौतम अदाणी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मार्केट रेगुलेटर सेबी अडानी ग्रुप और गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट फंड के संबंधों की जांच करने वाली है. बताया जा रहा है कि भारत का बाजार नियामक (SEBI) अडानी समूह और ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में निगमित एक फंड के बीच संबंधों की जांच कर रहा है ताकि यह देखा जा सके कि शेयर स्वामित्व नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं. सूत्रों ने कहा कि इस फंड को गल्फ एशिया ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट कहा जाता है. पिछले महीने इसकी वेबसाइट की जांच के अनुसार, इसका स्वामित्व दुबई के व्यवसायी नासिर अली शाबान अहली के पास है. संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना (OCCRP) और खोजी पत्रकार समूह द्वारा रॉयटर्स को उपलब्ध कराए गए डेटा के अनुसार, फंड ने कई सूचीबद्ध अदाणी फर्मों में निवेश किया है. यह जांच सेबी की भारतीय समूह की जांच का हिस्सा है, जो शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की जनवरी की रिपोर्ट के बाद है. इसमें कहा गया था कि ऑफशोर शेल कंपनियों ने अदाणी सूचीबद्ध फर्मों में गुप्त रूप से स्टॉक का स्वामित्व किया है, जिससे शासन संबंधी चिंताएं पैदा हो रही हैं.

क्या है OCCRP का आरोप

संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के द्वारा भारतीय कॉर्पोरेट घराने अदाणी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की गयी है. इस रिपोर्ट में संस्थान ने आरोप लगाया है कि ग्रुप के कुछ सार्वजनिक तौर पर कारोबार करने वाले कंपनियों के शेयरों में अपारदर्शी मॉरीशस फंड के माध्यम से लाखों डॉलर का निवेश किया गया, जिसने अदाणी फैमिली के कथित व्यापारिक भागीदारों की हिस्सेदारी को अस्पष्ट किया है. संस्थान के द्वारा ये दावा कई टैक्स हेवन्स और आंतरिक अदाणी ग्रुप के ईमेल से फाइलों की समीक्षा के आधार पर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि इनके जांच में दो ऐसे मामले सामने आए हैं. OCCRP ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अदाणी समूह के निवेशकों ने ऑफशोर स्ट्रक्चर्स के माध्यम से अदाणी स्टॉक्स खरीदा और बेचा है.

Also Read: भारत के सबसे बड़े दानवीर बिजनेसमैन कौन हैं? जानें अंबानी से लेकर अदाणी तक कितना करते हैं दान

हिंडनबर्ग से अडानी समूह को 100 बिलियन डॉलर का हुआ था नुकसान

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के स्टॉक्स के वैल्यूएशन में 100 बिलियन डॉलर की कमी आ गई थी. हालांकि, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. रिपोर्ट के अनुसार सेबी ने कहा कि उसके द्वारा 24 मामलों में से 22 की जांच पूरी हो गयी है. जिन दो मामलों में अंतरिम रिपोर्ट सौंपा गया है उसमें अडानी समूह के 13 विदेशी एनटिटी यानि इकाईयों को लेकर जांच की जा रही है. हालांकि, सेबी के द्वारा अभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है. मगर, बाजार के जानकार बताते हैं कि वर्तमान में जो रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह की तरफ से उल्लंघन का मामला टेक्निकल जैसा है जिसमें जांच पूरी होने के बाद मॉनिटरी पेनल्टी लगाया जा सकता है.

Also Read: Share Market: हरे निशान के साथ खुला बाजार, आज ये 10 शेयर दिखाएंगे दम, निवेशकों को बना सकते हैं मालामाल

क्या है ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट

ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (Organized Crime and Corruption Reporting Project – OCCRP) एक अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है जो कोरप्टियन, अपराध, और आर्गेनाइज्ड क्राइम की जाँच और जानकारी को प्रकाशित करने का काम करता है. OCCRP का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ लड़ाई में साझेदारी करना और सामाजिक परिवर्तन बढ़ावा देना है. ये संस्थान अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड जैसे लोगों से जुड़ी हुई है. OCCRP अपने प्रकाशनों, खोज, और डॉक्यूमेंटरीज़ के माध्यम से समाज को जागरूक करने का काम करता है और विभिन्न राष्ट्रों में कोरप्टियन और अपराध के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान करता है.

Next Article

Exit mobile version