SEBI: निवेशकों के लिए खुशखबरी! सेबी खत्म कर दिया ये नियम, अब ट्रेडिंग होगी और आसान, अभी जानें डिटेल
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने फिजिकल सिक्योरिटी होल्डर्स (Physical Securities Holders) पर बड़ी राहत दी है. संस्थान ने आदेश देते हुए बिना पैन नंबर, केवाईसी (KYC) और नॉमिनेशन (Nomination) के शेयरधारों के फोलियो को फ्रीज किए जाने वाले नियम को खत्म कर दिया है.
SEBI: अगर, आप टाटा टेक्नोलॉजी के आईपीओ में निवेश करने का मन बना रहे हैं तो आपके लिए एक बेहतरीन मौका है. सेबी ने ट्रेडिंग और आसान बना दिया है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने फिजिकल सिक्योरिटी होल्डर्स (Physical Securities Holders) पर बड़ी राहत दी है. संस्थान ने आदेश देते हुए बिना पैन नंबर, केवाईसी (KYC) और नॉमिनेशन (Nomination) के शेयरधारों के फोलियो को फ्रीज किए जाने वाले नियम को खत्म कर दिया है. साथ ही, सेबी ने इसे 17 नवंबर से लागू भी कर दिया है. इसका सीधा मतलब है कि फोलियों में बिना पैन नंबर, केवाईसी और नॉमिनेशन के भी अब आप फिजिकल सिक्योरिटीज होल्डर्स लिस्टेड कंपनियों के शेयर रख सकते हैं. इससे पहले पैन, नॉमिनेशन, फोलियो नंबर, बैंक खाता संख्या और अपना सिग्नेचर देना होता था. हालांकि, सेबी ने रजिस्ट्रार एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Registrars Association of India) और निवेशकों की प्रतिक्रिया के बाद इसे बदलने का फैसला लिया है.
वित्तीय असर डालने वालों को पकड़ना आसान नहीं: सेबी पूर्णकालिक सदस्य
एक दूसरे मामले में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने कहा कि गड़बड़ी कर वित्तीय प्रभाव डालने वालों को पकड़ना आसान नहीं होता है. वहीं, प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) यह उम्मीद करता है कि सेबी किसी भी मामले में कड़ाई से जांच करे. सेबी के आदेश को न्यायाधिकरण में चुनौती दी जा सकती है. अश्विनी भाटिया ने कहा कि पूंजी बाजार नियामक ने इस साल की शुरुआत में दिशानिर्देश जारी करने के बाद से वित्तीय प्रभाव डालने वाले एक मामले पर काम किया है. उन्होंने इसे ‘बड़ी उपलब्धि’ करार दिया. उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वित्तीय प्रभाव डालने वालों को पकड़ना बहुत मुश्किल है. वास्तविकता यह है कि हमने एक मामले को सुलझाया है. यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है क्योंकि अपीलीय न्यायाधिकरण हमसे जिस कड़ाई से जांच की अपेक्षा करता है, यह मामला कानूनी रूप से उसके उपयुक्त है.
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कई कारणों से होती है परेशानी
अश्विनी भाटिया ने कहा कि सेबी को एक प्रभावशाली व्यक्ति के टेलीफोन और मोबाइल फोन विवरण प्राप्त करने होते हैं, जिसमें बहुत समय लगता है. ऐसे लोग अपने स्थान भी बदलते रहते हैं. अश्विनी भाटिया ने यह भी कहा कि व्यवस्थित निवेश योजना यानी एसआईपी अक्टूबर में 17,000 करोड़ रुपये प्रतिमाह पर पहुंच गया. इसने अब बैंकों की आवर्ती जमा (रेकरिंग डिपोजिट) की जगह ले ली है. उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए देश में अधिक संख्या में निवेश सलाहकारों की आवश्यकता है. देश में 1,300 ऐसे निवेश सलाहकार हैं. इनमें से 500 सक्रिय नहीं हैं. आदर्श स्थिति के अनुसार हर गली- मोहल्ले में एक निवेश सलाहकार होने चाहिए.
क्या है सेबी
सेबी का मतलब है सेक्यूरिटीज एंड एक्जचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Securities and Exchange Board of India). सेबी भारत सरकार की एक स्वायत्त वित्तीय और निवेश पर निगरानी और नियंत्रण संस्था है जो भारतीय पुनर्निवेशन बाजारों को निगरानी करती है और निवेशकों की सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है. सेबी का स्थापना 12 अप्रैल 1988 को हुआ था, और इसका मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है. यह भारतीय वित्तीय बाजारों को निगरानी करने वाली पहली निगरानी और नियंत्रण संस्था है जिसने विभिन्न नियमों, अनुशासनों, और गाइडलाइन्स का अनुसरण करके निवेशकों की सुरक्षा में मदद की है.
सेबी के कार्यक्षेत्र में क्या है शामिल
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निवेशकों की सुरक्षा: सेबी निवेशकों की सुरक्षा के लिए निगरानी करती है और उन्हें धाराप्रवाह जानकारी प्रदान करती है ताकि वे सही और जानकारीपूर्ण निर्णय ले सकें.
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सिक्योरिटी एंड एक्जचेंज रेगुलेशन: सेबी भारतीय पुनर्निवेशन बाजारों को नियंत्रित करने, निगरानी करने, और उन्हें सुरक्षित और स्थिर बनाए रखने के लिए नियमों और अनुशासनों का अनुसरण करती है.
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कैपिटल मार्केट्स में प्रोत्साहन: सेबी नए और विकसित क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कार्य करती है और बाजारों को सुरक्षित रखने के लिए नए प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करती है.
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सेबी भारतीय वित्तीय बाजारों की सुरक्षा और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और निवेशकों को विश्वसनीय और न्यायसंगत वित्तीय बाजारों में भरोसा करने में मदद करती है.
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