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अदाणी मामले में सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, शेयरों की शॉर्ट सेलिंग पर कोई आपत्ति नहीं

सेबी ने अदालत से यह भी कहा कि उसके पास अनवरत कारोबार सुनिश्चित करने और शेयर बाजार में अस्थिरता से निपटने के लिए मजबूत ढांचा है. सेबी ने दावा किया कि विकसित प्रतिभूति बाजार दुनियाभर में शॉर्ट सेलिंग को ‘वैध निवेश गतिविधि’ के रूप में मानते हैं.

नई दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सुप्रीम कोर्ट में संकेत दिया है कि वह उधार लिए गए शेयरों की शॉर्ट सेलिंग या बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है. नियामक ने कहा कि वह एक छोटी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के अदाणी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों के साथ-साथ उसके शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव की जांच कर रहा है. खास बात यह है कि सेबी ने सर्वोच्च अदालत को भेजे 20 पन्नों के दस्तावेज में एक बार भी अदाणी ग्रुप का नाम नहीं लिया है.

बाजार गतिविधियों की जांच जारी

सेबी ने अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट के बाद दर्ज दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) पर सोमवार को सुनवाई कर रही मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को लिखित दस्तावेज में बताया कि शॉर्ट सेलिंग क्या है और हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है? दस्तावेज के अनुसार, सेबी नियमों और शॉर्ट सेलिंग के नियमों के उल्लंघन की जांच के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों और रिपोर्ट जारी होने से ठीक पहले और ठीक बाद की बाजार की गतिविधियों दोनों की जांच कर रहा है.

बाजार अस्थिरता से निपटने का ढांचा मजबूत

सेबी ने अदालत से यह भी कहा कि उसके पास अनवरत कारोबार सुनिश्चित करने और शेयर बाजार में अस्थिरता से निपटने के लिए मजबूत ढांचा है. सेबी ने दावा किया कि विकसित प्रतिभूति बाजार दुनियाभर में शॉर्ट सेलिंग को ‘वैध निवेश गतिविधि’ के रूप में मानते हैं. हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को अदाणी ग्रुप ने खारिज कर दिया था. हालांकि, इस हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी ग्रुप की कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) सामूहिक रूप से 120 अरब डॉलर से ज्यादा गिर गया है.

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अदाणी ग्रुप के शेयरों में गिरावट से बाजार प्रभावित नहीं

सेबी ने कहा कि हाल ही में अदाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट से शेयर बाजार पर ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा है. सेबी ने कहा कि भारतीय बाजार इससे पहले और भी बुरी अस्थिरता देख चुका है. खासकर, कोरोना महामारी के समय जब दो मार्च, 2020 से 19 मार्च, 2020 (13 कारोबारी दिवस) के बीच निफ्टी लगभग 26 फीसदी गिर गया था. बाजार अस्थिरता को देखते हुए सेबी ने 20 मार्च, 2020 को अपने मौजूदा बाजार तंत्र की समीक्षा की थी और कुछ बदलाव किए थे.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

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