नई दिल्ली : अदाणी-हिंडनबर्ग मामले की जांच को लेकर बाजार विनियामक सेबी ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से मोहलत मांगी है. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनियामक बोर्ड) ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर अदाणी ग्रुप द्वारा शेयरों की कीमतों में हेराफेरी करने के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए 15 दिन का और समय देने का अनुरोध किया है. इसके लिए सेबी ने सर्वोच्च अदालत में एक नई अर्जी दाखिल की है, जिसमें कहा गया है कि अदाणी-हिंडन मामले में उसने इससे जुड़े 24 मामलों की जांच-पड़ताल की है. सेबी ने कहा कि इन 24 मामलों में से 17 की जांच-पड़ताल पूरी हो गई है और सेबी की मौजूदा प्रक्रियाओं के तहत सक्षम प्राधिकारी ने उसे मंजूरी दे दी है.
तथ्यों के आधार पर जांच पूरी
सुप्रीम कोर्ट में सेबी की ओर से दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि एक मामले में सेबी ने अब तक एकत्र किए गए तथ्यों के आधार पर जांच-पड़ताल पूरी कर ली है. नियामक की मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार, अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और सक्षम प्राधिकारी ने भी इसे मंजूरी दे दी है. सेबी ने कहा कि बाकी बचे छह मामलों में से चार की जांच-पड़ताल में निष्कर्षों को स्पष्ट कर दिया गया है और उसके परिणामस्वरूप तैयार की गई रिपोर्ट सक्षम प्राधिकारी के पास भेजी गई है.
29 अगस्त की सुनवाई से पहले अनुमोदन प्रक्रिया पूरी
याचिका में कहा गया कि सेबी को उम्मीद है कि इन चार मामलों के संबंध में अनुमोदन प्रक्रिया शीघ्र ही और किसी भी स्थिति में 29 अगस्त को सुनवाई की अगली तारीख से पहले पूरी हो जाएगी. याचिका के अनुसार, बाकी दो मामलों में से एक की जांच अग्रिम चरण में है और दूसरे मामले में सेबी द्वारा अबतक जुटाई गई जानकारी के आधार पर अंतरिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है. सेबी ने कहा कि जांच के निष्कर्ष पर रिपोर्ट दाखिल करने का समय 15 दिन या ऐसी अन्य अवधि (जिसे अदालत वर्तमान मामले के तथ्यों, परिस्थितियों में उचित और आवश्यक समझे) तक बढ़ाया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त तक दिया था निर्देश
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने 11 जुलाई को सेबी से अदाणी ग्रुप के खिलाफ शेयरों की हेराफेरी करने के आरोपों में जांच की स्थिति बताने को कहा था. इसके साथ ही, जांच बढ़ाए गए समय यानी 14 अगस्त तक शीघ्रता से पूरी करने का निर्देश दिया था. अमेरिकी वित्तीय शोध एवं निवेश कंपनी हिंडनबर्ग ने इस साल जनवरी में अदाणी समूह पर बही-खातों में धोखाधड़ी और शेयरों के भाव में गड़बड़ी के साथ विदेशी इकाइयों के अनुचित उपयोग का आरोप लगाया था. इन आरोपों के बाद ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने संबद्ध पक्षों के बीच लेन-देन के खुलासे और शेयरों के दाम में गड़बड़ी की जांच के लिए दो मार्च को विशेषज्ञ समिति बनाई थी.
सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगा सेबी
सेबी की जांच से संबंधित जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि ये सेबी की ओर से अदाणी ग्रुप पर हिंडनबर्ग मामले की फाइनल रिपोर्ट होगी. इसके बाद नियामकीय जांच पूरी हो जाएगी. सेबी के पास इस जांच रिपोर्ट को सौंपने के लिए खासा समय था और इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने समय देते वक्त कहा था कि ये जांच रिपोर्ट फाइनल होनी चाहिए.
क्या है हिंडनबर्ग का आरोप
बताते चलें कि अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी 2023 को हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने अडानी समूह पर हेराफेरी के जरिए कंपनियों के शेयरों को भगाने का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट जारी की थी. इसके बाद अडानी समूह के स्टॉक्स में भारी गिरावट देखी जाने लगी और अगले एक महीने में अडानी समूह के स्टॉक्स 85 फीसदी तक नीचे जा फिसले. इतना ही नहीं अडानी समूह को 20,000 करोड़ रुपये के अडानी एंटरप्राइजेज के मेगा एफपीओ को लॉन्च करने के बाद वापस लेना पड़ा.