आईपीओ में अब फर्जी संस्थाओं को बोली लगाना नहीं होगा आसान, बाजार विनियामक सेबी ने नियमों को किया सख्त

बाजार नियामक सेबी ने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज अपने इलेक्ट्रॉनिक बुक बिल्डिंग प्लेटफॉर्म में एएसबीए आवेदन को केवल तभी स्वीकार करेंगे, जब रोकी गई आवेदन राशि पर अनिवार्य पुष्टि मिल जाए.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 31, 2022 9:16 AM

मुंबई : आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनियों की ओर से पेश की जाने वाली आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में फर्जी संस्थाओं द्वारा बोली लगाना आसान नहीं रह गया है. बाजार विनियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वास्तविक संस्थाओं की बोली सुनिश्चित करने के लिए नियमों को सख्त बनाते हुए मानदंडों में बदलाव किया है. सेबी के इस कदम से फर्जी संस्थाएं किसी आईपीओ में बोली नहीं लगा सकेंगी. सेबी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आरंभिक सार्वजनिक निर्गमों में अवरुद्ध राशि से समर्थित आवेदन (एएसबीए) व्यवस्था के तहत किए गए आवेदनों को तभी मंजूरी दी जाएगी, जब निवेशक के बैंक खातों में आवेदन की राशि रोककर रखी गई हो.

1 सितंबर से लागू हो जाएगा नया नियम

सेबी ने जारी एक सर्कुलर में कहा है कि एएसबीए आवेदन के बारे में नए दिशानिर्देश एक सितंबर 2022 या उसके बाद खुलने वाले सार्वजनिक निर्गमों पर लागू होंगे. बाजार नियामक सेबी ने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज अपने इलेक्ट्रॉनिक बुक बिल्डिंग प्लेटफॉर्म में एएसबीए आवेदन को केवल तभी स्वीकार करेंगे, जब रोकी गई आवेदन राशि पर अनिवार्य पुष्टि मिल जाए. यह व्यवस्था सभी श्रेणियों के निवेशकों के लिए लागू होगी. रिटेल, पात्र संस्थागत खरीदार (क्यूआईबी), गैर-संस्थागत निवेशक और अन्य आरक्षित श्रेणियों के निवेशकों पर यह लागू होगा.

2009 निर्धारित की गई थी एएसबीए सुविधा

बता दें कि दिसंबर, 2009 में सेबी ने क्यूआईबी को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों के निवेशकों के लिए सार्वजनिक निर्गम में एएसबीए की सुविधा निर्धारित की थी. इसके बाद मई 2010 में सेबी ने क्यूआईबी को भी यह सुविधा दे दी. एएसबीए किसी निवेशक की तरफ से किया जाने वाला वह आवेदन है, जिसमें किसी आईपीओ का हिस्सा बनने के लिए स्व-प्रमाणित सिंडिकेट बैंक (एससीएसबी) को बैंक खाते में आवेदन की राशि रोकने का अधिकार दिया जाता है. यदि कोई निवेशक एएसबीए के माध्यम से आवेदन कर रहा है, तो उसके आवेदन का पैसा बैंक खाते से तभी काटा जाएगा, जब आवंटन के आधार को अंतिम रूप देने के बाद उसके आवेदन को आवंटन के लिए चुना जाता है.

Also Read: LIC IPO : आईपीओ लेना है तो पैन-एलआईसी को लिंक करना अनिवार्य होगा
क्या है वर्तमान व्यवस्था

फिलहाल, आईपीओ के लिए बोली एएसबीए द्वारा समर्थित आवेदन के माध्यम से की जाती है, जिसके तहत शेयरों के आवंटन के बाद ही पैसा निवेशक के बैंक खाते से निकलता है. पहले की व्यवस्था के तहत आवेदन के समय पैसा काट लिया जाता था और शेयरों का आवंटन न होने की स्थिति में वापस किया जाता था. बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि सेबी का ताजा निर्देश आईपीओ सब्सक्रिप्शन संख्या की अधिक सटीक तस्वीर देगा और केवल गंभीर बोली लगाने वालों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा.

Next Article

Exit mobile version