नयी दिल्ली : भारत के भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन से लाने के लिए गोपनीय प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है, लेकिन केंद्र सरकार को इसकी जानकारी नहीं है. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को भारत लाने के लिउ गोपनीय प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन उसे इसकी स्थिति की जानकारी नहीं है. केंद्र ने कोर्ट को यह जानकारी भी दी कि वह इस कार्यवाही में पक्षकार नहीं है.
न्यायमूर्ति उदय यू ललित और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने माल्या के वकील से पूछा कि उसके प्रत्यर्पण के लिए यह किस तरह की गोपनीय कार्यवाही चल रही है. इस पर माल्या के वकील अंकुर सैगल ने अदालत से कहा कि उन्हें यह जानकारी नहीं है कि किस तरह की कार्यवाही चल रही है.
माल्या के वकील ने कहा, ‘मुझे इतनी ही जानकारी है कि प्रत्यर्पण कार्यवाही के खिलाफ मेरा अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया है.’ पीठ ने माल्या के वकील को दो नवंबर तक यह जानकारी देने का निर्देश दिया कि यह भगोड़ा कारोबारी अदालत में कब पेश हो सकेगा और यह गोपनीय कार्यवाही कब खत्म होने वाली है.
केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता रजत नायर ने पीठ से कहा कि अदालत के निर्देशानुसार ही प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि कोई गोपनीय प्रत्यर्पण कार्यवाही चल रही है, जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही को बरकरार रखा है, लेकिन अभी ऐसा नहीं हो रहा है.’
शीर्ष अदालत ने इससे पहले माल्या की 2017 की पुनर्विचार याचिका खारजि करते हुए उसे 5 अक्टूबर को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था. अदालत ने विजय माल्या को कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करके अपने बच्चों के खातों में चार करोड़ अमेरिकी डॉलर हस्तांतरित करने के मामले में 2017 में उसे अवमानना का दोषी ठहराया था. माल्या पर अब बंद हो चुकी किंग्सफिशर एयरलाइंस से संबंधित 9,000 करोड़ रुपये से अधिक का बैंक कर्ज अदा नहीं करने का आरोप है. माल्या इस समय ब्रिटेन में है.
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Posted By : Vishwat Sen
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