Gold Fd Scheme, Sbi, Maturity, Fix Deposit, Calculator, Interest Rate, Price : त्योहारों का मौसम आ चुका है ऐसे में यदि आप भी सोना में निवेश करना चाह रहे है तो यह खबर आपके लिए ही है. दरअसल, निवेश जितना जरूरी है उतना ही जरूरी अपने गोल्ड को सुरक्षित रखना भी है. इसके लिए विभिन्न बैंक फिक्स डिपॉजिट की सुविधा भी देती है, जहां आप अपना सोना सुरक्षित रखकर कमाई भी कर सकते हैं. ऐसी ही एक स्कीम देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई की भी है. आईये जानते हैं विस्तार से..
दरअसल, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम आप के गोल्ड को सुरक्षित रखने का काम करती है. इसके लिए आपको एफडी करना होता है. रिवैम्प्ड गोल्ड डिपॉजिट स्कीम के तहत कुल तरह से एफडी किया जा सकता है.
पहली कैटेगरी यानी शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) स्कीम के तहत 1 से 3 साल के लिए सोना बैंक में जमा किया जा सकता है. अगर एक वर्ष के लिए एफडी करते हैं तो 0.50 प्रतिशत का ब्याज दर दिया जाता है. वहीं, 2 साल के लिए एफडी करने पर 0.55 प्रतिशत ब्याज दर और और 3 साल के लिए 0.60 प्रतिशत ब्याज दर दिया जाता है.
कुछ इसी तरह है मीडियम टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट (MTGD) होता है. इसके तहत 5 से 7 साल के लिए एफडी करना होता है. इसमें जमाकर्ता को एसबीआई बैंक द्वारा 2.25 प्रतिशत ब्याज दर दिया जाता है.
ब्याज दर
लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट कैटेगरी के तहत आपको 12-15 साल के लिए डिपॉजिट करना होता है. इस दौरान 2.50 फीसदी सालाना की तय दर से बैंक आपको ब्याज देता है. आपको बता दें कि इन तीनों केटेगरी में ब्याज भी अलग-अलग तरह से बैंकों द्वारा दी जाती है. ये ब्याज सलाना दी जाती है.
गोल्ड एफडी करने के कुछ दिशानिर्देश बैंकों द्वारा दिए गए है. इस एफडी को खोलवाने के लिए आपके पास कम से कम 30 ग्राम गोल्ड होना ही चाहिए. उससे कम में एसबीआई की गोल्ड एफडी संभव नहीं है. लेकिन, अधिकतम जमा करने की कोई सीमा नहीं. अर्थात आप कितना भी जमा कर सकते हैं.
शॉर्ट टर्म, मीडियम टर्म या लॉन्ग टर्म गवर्नमेंट डिपॉजिट कैटेगरी तीनों में समय से पहले यदि आप पैसा या गोल्ड निकालने की कोशिश करते हैं तो आपको इसके लिए जुर्माना भरना पड़ सकता है.
आपको बता दें कि एमटीजीडी (MTGD) एलटीजीडी (LTGD) इन दोनों कैटेगरी के तहत निवेशक 3 साल और 5 साल के बाद कभी भी स्कीम से बाहर हो सकता है. लेकिन, इस दौरान भी जमकर्ता को ब्याज पर जुर्माना भरना पड़ सकता है.
आप मैच्योरिटी के बाद दो प्रकार से अपना सोना या ब्याज ले सकते हैं. बैंक की ओर से आपको सोने के साथ ब्याज को कैश के रूप में वापस दिया जाता है. इसके अलावा यदि आप केवल कैश लेना चाहे तो उस समय गोल्ड के दाम पर 0.2 की एडमिनिस्ट्रेटिव चार्ज अलग से काट कर बैंक द्वारा बकाया रकम दी जाती है.
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ब्याज के रूप में कमाई हो सकती है.
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इससे संपत्ति पर टैक्स नहीं देना होता है.
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आपका सोना सुरक्षित होता है.
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इस एफडी के आधार पर आप बैंक से लोन के लिए अप्लाई भी कर सकते हैं.
इसमें कोई भी व्यक्ति, फर्म, पार्टनरशिप बॉडी, कंपनी या ट्रस्ट आदि द्वारा लाभ लिया जा सकता है. हालांकि, ये सुविधा एसबीआई बैंक की सभी शाखा में उपलब्ध नहीं होता है. केवल प्रमुख शाखा में यह सुविधा होती है.
Posted By : Sumit Kumar Verma
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