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देश में सीनियर सिटीजन्स के नाम पर कई सरकारी योजनाएं, लेकिन बुजुर्गों को क्या मिलता है लाभ?

Senior Citizens Investment: सरकार ने रिटायर करने के बाद बुजुर्गों का जीवन सुखमय तरीके से बिताने के लिए करीब 8-10 योजनाओं की शुरुआत की. सरकार ने 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना की शुरुआत की है.

Senior Citizens Investment: बचपन में स्कूलों में पढ़ाई के दौरान मास्टर साहब अपने छात्रों को अक्सर यह समझाते हुए पाए जाते हैं कि माता-पिता, अतिथि, गुरु और बुजुर्गों को देवता के समान समझना चाहिए. उनका सम्मान करना चाहिए और उनके लिए हमेशा कुछ न कुछ करते रहना चाहिए. सरकार भी कहती है कि बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए. आदमी जब तक जवान रहता है, अपने भविष्य के लिए कम, बच्चों और परिवार के भविष्य के लिए ज्यादातर चिंता करता है. अपनी गाढ़ी कमाई का अधिकांश हिस्सा उन्हीं पर खर्च कर देता है, लेकिन रिटायर कर जाने के बाद उन बुजुर्गों की चिंता कोई नहीं करता. यहां तक कि सरकार भी तभी तक चिंता करती है, जब तक वे नौकरी में हैं और हाथ-पैर चलता रहता है. रिटायर करने पर आर्थिक तंगी की मार झेलते हुए ये बुजुर्ग घर के किसी कोने में पड़े रहते हैं या फिर ओल्ड एज होम्स में भेज दिए जाते हैं. कहने के लिए सरकार ने बुजुर्गों के नाम पर बुजुर्गों के लिए करीब 8-10 योजनाएं तैयार की, लेकिन वित्तीय तौर पर उन्हें मजबूत बनाने के लिए ले-देके एक ही योजना है और वह है फिक्स्ड डिपॉजिट. आइए, जानते हैं कि सरकार ने बुजुर्गों के नाम पर कितनी योजनाएं शुरू कीं और ये योजनाएं किस तरह काम करती हैं? क्या सही मायने में ये बुजुर्गों की लाठी बनकर सहारा देती हैं?

भारत में बुजुर्गों के लिए सरकार ने कितनी योजनाएं बनाई?

सरकार ने रिटायर करने के बाद बुजुर्गों का जीवन सुखमय तरीके से बिताने के लिए करीब 8-10 योजनाओं की शुरुआत की. इनमें वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस), प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (पीएमवीवीवाई), डाकघर मासिक आय योजना (पीओएमआईएस), वरिष्ठ नागरिक फिक्स्ड डिपॉजिट (एसएसएफडी), फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), व्यवस्थित जमा योजना, म्यूचुअल फंड्स, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस), इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस) और कुछ पेंशन योजनाएं शामिल हैं.

वरिष्ठ नागरिक बचत योजना

सरकार ने 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (एससीएसएस) की शुरुआत की है. हालांकि, सरकार ने इस योजना को वरिष्ठ नागरिकों के लिए पेश किया था, लेकिन इस योजना में 50 से 60 उम्र वर्ग के नौकरी-पेशा लोग निवेश करते हैं, ताकि उन्हें टैक्स से छूट का लाभ मिलता रहे. इस योजना में निवेश करने पर करीब 8.20% रिटर्न दिया जाता है. इसमें कम से कम 1000 रुपये से लेकर अधिकतम 30 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है. इसकी मैच्योरिटी पीरियड 5 साल का है. खाता खोलने की डेट के एक साल बाद ही इसे बंद किया जा सकता है. अगर आप दो साल पूरा होने से पहले खाता बंद कर देते हैं, तो आपकी जमाराशि पर 1.50% जुर्माना लग जाएगा. इस योजना के तहत आयकर की धारा 80सी के तहत टैक्स से छूट का लाभ दिया जाता है.

प्रधानमंत्री वय वंदन योजना

केंद्र सरकार ने साल 2017 में प्रधानमंत्री वय वंदन योजना की शुरुआत की थी. पहले इसकी मियाद 31, मार्च 2020 तक थी, जिसे बढ़ाकर 31 मार्च 2023 किया गया था. इस योजना के तहत 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोग खाता खोलकर निवेश कर सकते हैं. सरकार की ओर से इस योजना में निवेश करने पर सालाना 8% रिटर्न दिया जाता है. इस योजना में कम से कम 1.5 लाख रुपये और अधिकतम 7.5 लाख रुपये तक निवेश किया जा सकता है. इस पॉलिसी की अवधि 10 साल है. इसमें ब्याज का भुगतान मासिक, त्रैमासिक या अर्धवार्षिक हो सकता है. इस योजना में तीन साल के बाद जमा राशि का करीब 75% तक लोन लिया जा सकता है. गंभीर बीमारी की स्थिति में समय से पहले भी इससे करीब 98% तक रकम निकाली जा सकती है.

डाकघर मासिक आय योजना

सरकार की इस योजना के तहत न केवल 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक बल्कि 10 साल से ऊपर का कोई भी व्यक्ति खाता खोलकर पैसा जमा कर सकता है. सरकार की इस योजना में जमा राशि पर 7.40% रिटर्न मिलता है. इसमें कम से कम 1500 रुपये और अधिकतम 4.5 लाख रुपये जमा करने के बाद खाता खोला जा सकता है. इसमें न्यूनतम निवेश की अवधि पांच साल है. अगर मैच्योरिटी डेट से पहले किसी को पैसे की जरूरत है, तो लगातार एक साल तक पैसा जमा करने के बाद रकम की निकासी की जा सकती है.

वरिष्ठ नागरिक फिक्स्ड डिपॉजिट

सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोविड महामारी के दौरान मई 2020 में इस योजना की शुरुआत की गई थी. इसमें 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोग खाता खोलकर पैसा जमा कर सकते हैं. इस योजना के तहत निवेशक को सालाना 7.80% रिटर्न मिलता है. हालांकि, लघु वित्त बैंक वरिष्ठ नागरिक फिक्स्ड डिपॉजिट पर सालाना 9.75% तक रिटर्न मिल जाता है. इसमें 180 से लेकर एक साल, तीन साल और पांच साल के लिए किसी भी बैंक की शाखा में खाता खुलवाकर पैसा जमा किया जा सकता है. इनमें निवेश की न्यूनतम राशि 5000 रुपये और अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक है. ये बैंकों की पॉलिसी के आधार पर निर्भर करता है.

फिक्स्ड डिपॉजिट

भारत में फिक्स्ड डिपॉजिट लंबे समय से निवेश का सबसे पसंदीदा ऑप्शन रहा है. खासकर, वरिष्ठ नागरिकों के लिए इसे सबसे अधिक फायदेमंद माना जाता रहा है. एक जमाने में यह कहा जाता था कि इस योजना के तहत बैंकों में पांच साल के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट करने पर पैसा दोगुना हो जाता था. फिलहाल पैसा दोगुना तो नहीं होता, लेकिन बैंकों की ओर से 7.5% से लेकर 9% सालाना रिटर्न दिया जाता है. इसमें पैसा सुरक्षित रहने के साथ गारंटीड रिटर्न है.

व्यवस्थित जमा योजना

व्यवस्थित जमा योजना (एसडीपी) में व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) और फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) की खूबियां शामिल हैं. इस योजना के तहत एकमुश्त बड़ी रकम जमा करने के बजाय एसआईपी की तरह मासिक आधार पर छोटी-छोटी रकम जमा करना पड़ता है. हर मासिक जमा को एक अलग एफडी माना जाता है और हर जमा पर बेहतर रिटर्न दिया जाता है. इसमें सालाना करीब 8.85% तक रिटर्न मिल जाता है. इस अवधि 12 से 60 महीना है. इस योजना के तहत पैसा जमा करने के दो ऑप्शन दिए जाते हैं. एक सिंगल मैच्योरिटी स्कीम होती है और दूसरी मंथली मैच्योरिटी स्कीम.

म्यूचुअल फंड

एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में पैसा निवेश करके भविष्य के लिए मोटी रकम जमा की जा सकती है. लोग म्यूचुअल फंड के माध्यम से इक्विटी और डेट फंडों में निवेश करते हैं. इन फंडों की देखरेख फंड मैनेजर करते हैं. इसमें जमा किए जाने वाले पैसों का शेयर बाजार में इस्तेमाल किया जाता है और उससे होने वाली कमाई पर निवेशकों को कंपाउंडिंग के साथ रिटर्न दिया जाता है. रिटायर्ड पर्सन शॉर्ट टर्म डेट फंड में पैसा लगाकर बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. इसका पैसा बॉन्ड में निवेश किया जाता है और एक से तीन साल के लिए अच्छी क्रेडिट रेटिंग वाली कंपनियों को उधार के तौर पर दिया जाता है. ये डेट फंड बैंकों में फिक्स किए गए पैसों से कहीं अधिक रिटर्न दे सकते हैं. इसमें शॉर्ट टर्म वाले फंड में निवेश करने पर सालाना 7.81 फीसदी और कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड में 8.34 फीसदी रिटर्न मिल जाता है. लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करने पर 12 से 15% तक रिटर्न मिल जाता है.

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इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड स्कीम है, जो मुख्य तौर पर इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रुमेंट में निवेश करती है. इस योजना का उद्देश्य इक्विटी मार्केट में निवेश करके लॉन्ग टर्म में कमाई करना है. इसमें निवेश की डेट से तीन साल तक लॉकइन पीरियड होती है. आयकर कानून की धारा 80सी के तहत टैक्स से छूट का लाभ मिलता है.

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