क्रूड ऑयल और पेट्रोल-डीजल के दाम देख बाजार खुलते ही धड़ाम, शुरुआती कारोबार में 135 अंक लुढ़का सेंसेक्स
बताते चलें कि भारत में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद सरकारी तेल विपणन कंपनियों की ओर से मंगलवार को करीब 137 दिनों के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला एक बार फिर शुरू कर दिया गया है.
मुंबई : अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल और भारत में सरकार तेल विपणन कंपनियों द्वारा एलपीजी रसोई गैस और पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की वजह से मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान खुलने के साथ शेयर बाजार में गिरावट का रुख देखा गया. शुरुआती कारोबार में बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.24 फीसदी या 135.42 अंक लुढ़ककर 57157 के स्तर पर ख्रुला, जबकि एनएसई के निफ्टी ने 29 अंक या 0.17 की गिरावट के साथ 17088 पर कारोबार की शुरुआत की. शुरुआती कारोबार में करीब 1066 शेयरों में तेजी का रुख देखा गया है, जबकि 758 शेयरों में गिरावट आई है और 99 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
पेट्रोल-डीजल और एलपीजी सिलेंडर के बढ़े दाम
बताते चलें कि भारत में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद सरकारी तेल विपणन कंपनियों की ओर से मंगलवार को करीब 137 दिनों के बाद पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला एक बार फिर शुरू कर दिया गया है. इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की वेबसाइट के अनुसार, मंगलवार को देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में करीब 80 पैसे प्रति लीटर की दर से इजाफा किया गया है. इसके साथ ही, मंगलवार को ही रसोई गैस के सब्सिडी वाले सिलेंडरों में करीब 50 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से बढ़ोतरी की गई है. आवश्यक ईंधनों की कीमतों में बढ़ोतरी का असर बाजार के कारोबार भी दिखाई दे रहा है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल महंगा
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 3.53 प्रतिशत उछलकर 111.5 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. ऐसी रिपोर्ट है कि यूरोपीय देश इस सप्ताह रूस से तेल लेने पर रोक लगाने पर विचार कर सकते हैं. इससे आपूर्ति घट सकती है और ईंधन के दाम में तेजी आ सकती है. तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) की तरफ से कम आपूर्ति के बीच सऊदी अरब में ऊर्जा टर्मिनल पर पिछले सप्ताह हूती विद्रोहियों के हमले से अस्थायी तौर पर कच्चा तेल उत्पादन प्रभावित हुआ है.
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सोमवार से ही बाजार में बनी है नरमी
इससे पहले सोमवार को घरेलू शेयर बाजार शुरुआती बढ़त को बरकरार नहीं रख सके और मानक सूचकांक-बीएसई सेंसेक्स 571 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. सोमवार को बैंक, पेट्रोलियम और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली तथा आईटी कंपनियों के शेयरों में गिरावट रही. रूस-यूक्रेन संकट के बीच कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों ने बाजार को प्रभावित किया. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 260 अंक से अधिक चढ़कर 58,127.95 तक चला गया था. हालांकि बाद में बैंक, पेट्रोलियम और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में गिरावट से यह 634 अंक लुढ़ककर 57,229.08 के निचले स्तर तक आ गया. अंत में सेंसेक्स 571.44 अंक यानी 0.99 प्रतिशत टूटकर 57,292.49 पर बंद हुआ.
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