Coronavirus के बढ़ते प्रभाव से 470 अंक लुढ़ककर सेंसेक्स हुआ क्रैक, निफ्टी 9,000 अंक से नीचे
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव की वजह से लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की आशंका में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को करीब 470 अंक लुढ़क गया.
मुंबई : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव की वजह से लॉकडाउन की अवधि बढ़ने की आशंका में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स सोमवार को करीब 470 अंक लुढ़क गया. मुख्य रूप से एचडीएफसी, एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक जैसे सेंसेक्स में वजन रखने वाले प्रमुख शेयरों में गिरावट से बाजार पर असर पड़ा.
30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स एक समय 30,474.15 अंक तक नीचे चला गया था, लेकिन अंत में इसमें कुछ सुधार आया और यह 469.60 अंक यानी 1.51 फीसदी की गिरावट के साथ 30,690.02 अंक पर बंद हुआ. इसी प्रकार, एनएसई निफ्टी 118.05 अंक यानी 1.30 फीसदी लुढ़ककर 8,993.85 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में बजाज फाइनेंस रही. कंपनी का शेयर 10 फीसदी से अधिक नीचे आया. उसके बाद क्रमश: महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाइटन, हीरो मोटो कॉर्प, आईसीआईसीआई बैंक और टेक महिंद्रा का स्थान रहा. वहीं, एलएंडटी, भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक, सीमेंट और एनटीपीसी लाभ में रहें. सेंसेक्स में अच्छी हिस्सेदारी रखने वाले दोनों एचडीएफसी में 3.12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी. वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 2.46 फीसदी टूटा. आईसीआईसीआई बैंक 3.44 फीसदी नीचे आया.
आनंद राठी के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा कि एशिया के अन्य बाजारों में भी नरम रुख रहा, जिसका असर घरेलू शेयर बाजारों पर भी पड़ा. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस मामलों की संख्या बढ़ने और लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने की आशंका के कारण धारणा कमजोर हुई है. इसकी वजह से वित्तीय सेवा देने वाली कंपनियों और बैंक शेयरों में बिकवाली और मुनाफवसूली देखी गयी. सोलंकी ने यह भी कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का आंकड़ा सोमवार आने से पहले बाजार में उतार-चढ़ाव रहा.
एशिया के अन्य बाजारों में शंघाई, टोक्यो और सोल के बाजारों में गिरावट दर्ज की गयी. ‘ईस्टर मंडे’ के कारण यूरोप के बाजार बंद रहे. इस बीच, कच्चे तेल का वायदा भाव 2.06 फीसदी गिरकर 30.83 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. इधर, स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, कोरोना वायरस संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर 9,152 हो गयी है, जबकि 308 लोगों की मौत हुई है. वैश्विक स्तर पर संक्रमण का आंकड़ा 18 लाख के ऊपर निकल गया है, जबकि एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.