Share Market News: विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली और ब्याज दरें बढ़ने की आशंका में सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम
Share Market News Today: विदेशी निवेशकों की मुनाफावसूली और ब्याज दरें बढ़ने की आशंका में सेंसेक्स-निफ्टी धड़ाम. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने क्या कहा? यहां जानें...
Share Market News Today: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) के लगातार मुनाफावसूली और फेडरल रिजर्व के नीतिगत दरें बढ़ाने के संकेतों से सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) धड़ाम हो गये हैं. दुनिया भर के अन्य शेयर बाजारों में भी गिरावट दर्ज की गयी. गुरुवार (27 जनवरी) को वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच 30 शेयर वाला बीएसई का सेंसेक्स 581 अंक लुढ़क गया. निफ्टी भी 167.80 अंक तक गिर गया.
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से बाजार टूटे
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के मार्च से नीतिगत दर को सख्त किये जाने के संकेत दिये, तो इससे बाजार सहम गये. कारोबारियों ने बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर में गिरावट और विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने की वजह से भी धारणा पर विपरीत असर पड़ा. सेंसेक्स 581.21 अंक यानी एक प्रतिशत टूटकर 57,276.94 अंक पर बंद हुआ.
एचसीएल टेक के शेयर 4.17 फीसदी लुढ़के
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 167.80 अंक यानी 0.97 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,110.15 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में एचसीएल टेक का शेयर 4.17 प्रतिशत लुढ़क गया. इस कंपनी का शेयर आज सबसे ज्यादा नुकसान में रहा.
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किन कंपनियों को हुआ फायदा, किसको हुआ नुकसान
टेक महिंद्रा, डॉ रेड्डीज, विप्रो, टीसीएस, टाइटन और इंफोसिस के शेयर भी नुकसान में रहे. हालांकि, बाजार में गिरावट के बावजूद एक्सिस बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), मारुति, कोटक बैंक, सन फार्मा और इंडसइंड बैंक के शेयर में तेजी देखी गयी. बैंकों के शेयरों में 2.81 प्रतिशत की तेजी रही.
मार्च में ब्याज दरें बढ़ा सकता है फेड रिजर्व
बता दें कि अमेरिका (USA) के केंद्रीय बैंक फेड रिजर्व (Federal Reserve Bank) ने बुधवार को नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि महंगाई की दर यानी मुद्रास्फीति (Inflation) को काबू में लाने के लिए ब्याज दर बढ़ाने के संकेत दिये. इसका असर वैश्विक बाजारों पर भी पड़ा. फेड रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने कहा कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए मार्च में ब्याज दर (Interest Rate) बढ़ायी जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि बृहत स्तर पर जारी बांड खरीद कार्यक्रम को समाप्त किया जा सकता है.
निवेशकों को विदेशी पूंजी निकासी की आशंका
निवेशकों को आशंका है कि नीतिगत दर में वृद्धि के बाद भारत जैसे उभरते देशों से विदेशी पूंजी निकासी बढ़ेगी. एलकेपी सिक्योरिटीज के शोध प्रमुख एस रंगनाथन ने कहा, ‘फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) ने प्रमुख नीतिगत दर में बदलाव नहीं किया, लेकिन आक्रामक रुख अपनाने के बयान से वैश्विक बजारों में गिरावट आयी. इसका विपरीत असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा.’
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आईटी और फार्मा शेयरों में हुई मुनाफावसूली
एस रंगनाथन ने कहा कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) भारतीय शेयर बाजारों (Share Markets) से लगातार मुनाफावसूली कर रहे हैं. कुछ शेयरों में तेजी रही. पीएसयू बैंक सूचकांक दोपहर के कारोबार में 5 प्रतिशत मजबूत हुए. वाहन शेयरों के समर्थन से बाजार में अच्छा सुधार आया. आईटी (IT) और दवा (Pharma) शेयरों में मुनाफावसूली देखी गयी, जबकि तिमाही परिणाम के बीच कपड़ा शेयरों की मांग रही.
वैश्विक बाजारों का हाल यहां देखें
एशिया के अन्य बाजारों में चीन में शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर कारोबार में गिरावट का रुख था.
ब्रेंट क्रूज के दाम घटे
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड (Brent Crude Oil) 0.16 प्रतिशत गिरकर 89.82 डॉलर प्रति बैरल रहा. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय (Dollar Vs Rupees) दर 31 पैसे टूटकर 75.09 पर आ गयी. शेयर बाजार (Share Market) में आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FPI) ने मंगलवार को 7,094.48 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
Posted By: Mithilesh Jha
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