Share Market: सुस्ती के बीच हल्की तेजी के साथ बंद हुआ सेंसेक्स-निफ्टी, मिडकैप-स्मॉल कैप ने संभाला बाजार

Share Market Closing Bell: पूरे दिन उठा-पटक जारी रहा. हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप की बदौलत बाजार किसी तरह से संभलता रहा. बाजार बंद होने तक स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी रही. बीएसई सेंसेक्स 33 अंक के लाभ में रहा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2023 6:50 PM
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Share Market Closing Bell: सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन ग्लोबल दबाव के बीच भारतीय शेयर बाजार की शुरूआत सुस्ती के साथ हुई. इसके बाद पूरे दिन उठा-पटक जारी रहा. हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप की बदौलत बाजार किसी तरह से संभलता रहा. बाजार बंद होने तक स्थानीय शेयर बाजारों में तेजी रही. बीएसई सेंसेक्स 33 अंक के लाभ में रहा. एशिया और यूरोप के बाजारों में कमजोर रुख के साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी जारी रहने से बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 33.21 अंक यानी 0.05 प्रतिशत की बढ़त के साथ 64,975.61 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह ऊंचे में 65,124 अंक तक गया और नीचे में 64,851.06 अंक तक आया. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 36.80 अंक यानी 0.19 प्रतिशत की बढ़त के साथ 19,443.50 अंक पर बंद हुआ. निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 29 लाभ में जबकि 21 नुकसान में रहे. सेंसेक्स की कंपनियों में एशियन पेंट्स, टाइटन, लार्सन एंड टुब्रो, जेएसडब्ल्यू स्टील, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मारुति और रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रमुख रूप से लाभ में रहीं. दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक, एनटीपीसी, इन्फोसिस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील और बजाज फाइनेंस शामिल हैं.

घरेलू बाजार में सकारात्मक रुख से सीमित हुआ कारोबार

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार में सकारात्मक रुख के साथ सीमित दायरे में कारोबार हुआ. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के प्रमुख के संबोधन के बाद वैश्विक बाजार संकेतकों से और अधिक भरोसा प्राप्त किया जा सकता है. कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट जारी है. इससे घरेलू अर्थव्यवस्था को राहत मिलेगी और मुद्रास्फीति में कमी आएगी. वहीं, रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा कि बाजार सीमित दायरे में रहते हुए मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ. हल्की शुरुआत के बाद, निफ्टी अंत तक एक सीमित दायरे में रहा और अंत में 19,443.50 अंक के स्तर पर बंद हुआ. बीएसई मिडकैप सूचकांक 0.78 प्रतिशत और स्मॉलकैप 0.60 प्रतिशत के लाभ में रहा. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था. अमेरिकी बाजार मंगलवार को लाभ में रहे थे. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.15 प्रतिशत चढ़कर 81.73 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 497.21 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

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रुपया एक पैसे टूटकर 83.28 प्रति डॉलर पर

विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में मजबूती से बुधवार को रुपया एक पैसे टूटकर 83.28 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि घरेलू शेयरों में नरम रुख का भी रुपये पर असर पड़ा, जबकि कच्चे तेल की कीमतों में सुधार से स्थानीय मुद्रा को समर्थन मिला. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 83.25 पर खुला और 83.29 के निचले स्तर को छूने के बाद अंत में पिछले बंद भाव से एक पैसे टूटकर 83.28 (अस्थायी) पर बंद हुआ. रुपया मंगलवार को 83.27 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.24 प्रतिशत बढ़कर 105.79 के स्तर पर पहुंच गया.

कच्चे तेल का भाव भी गिरा

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.10 प्रतिशत गिरकर 81.69 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था. बीएनपी पारिबा बाय शेयरखान के एसोसिएट उपाध्यक्ष प्रवीण सिंह ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट घरेलू मुद्रा के लिए सकारात्मक है. उन्होंने कहा कि कारोबारी अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के भाषण पर नजर रखेंगे. बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर के संबोधन पर भी सभी की निगाह रहेगी. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 497.21 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.

(भाषा इनपुट के साथ)

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