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Share Market: शेयर बाजार लगातार तीसरे दिन टूटा, सेंसेक्स 536 अंक गिरकर बंद, निफ्टी भी धड़ाम

Share Market Closing Bell: शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन निराशा का दौर जारी रहा. कमजोरी के साथ खुलने के बाद बाजार के दोनों सूचकांक लाल निशान के साथ बंद हुए.

Share Market Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार में लगातार तीसरे दिन गिरावट का दौर जारी रहा. सुबह निराशाजनक शुरूआत के बाद, सेंसेक्स 0.75 प्रतिशत यानी 535.86 अंक टूटकर 71,356.60 पर बंद हुआ. जबकि, निफ्टी 0.69 प्रतिशत यानी 148.45 अंक टूटकर 21,517.35 पर बंद हुआ. बाजार में IT, मेटल शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली रही. मिडकैप, स्मॉलकैप शेयरों में खरीदारी देखने को मिली जबकि रियल्टी, PSU बैंक, फार्मा इंडेक्स बढ़त पर बंद हुआ. जबकि, एनर्जी, इंफ्रा इंडेक्स तेजी पर बंद हुए. वहीं, सेबी ने 27 IPO को बाजार में लाने की मंजूरी दे दी है. बैंक निफ्टी मामूली रूप से लाल रंग में बंद हुआ और अब 20 दिवसीय मूविंग एवरेज (47,669) पर पहुंच गया है. वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच आईटी तथा बैंक शेयरों में लगातार गिरावट से प्रमुख सूचकांक दिन के निचले स्तर के करीब बंद हुए. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा जारी होने से पहले बाजार में सुस्ती रही. धातु और जिंस शेयरों में भी गिरावट रही. हालांकि, ताजा लिवाली से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, रियल्टी और दवा कंपनियों के शेयरों में तेजी रही. सेंसेक्स की कंपनियों में जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, इन्फोसिस, विप्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, नेस्ले, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एचडीएफसी बैंक और मारुति प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं. दूसरी तरफ इंडसइंड बैंक, आईटीसी, भारती एयरटेल और भारतीय स्टेट बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहे.

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जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि नये संकेतकों के अभाव और शेयरों के मूल्यांकन को लेकर चिंता से निवेशक बाजार से दूर रहे. चीन और यूरो क्षेत्र में विनिर्माण क्षेत्र में गिरावट के साथ वैश्विक स्तर पर कमजोर संकेतकों से 2024 में वैश्विक आर्थिक पुनरुद्धार को लेकर चिंता बढ़ी है. सबसे महत्वपूर्ण, बाजार को नीतिगत दर के बारे में संकेत को लेकर अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिर्जव की बैठक के बैठक के ब्योरे की प्रतीक्षा है. ब्योरा आज जारी होगा. महंगाई कम रहने के बावजूद कारखाना ऑर्डर और उत्पादन में धीमी बढ़ोतरी की वजह से दिसंबर में देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि घटकर डेढ़ साल के निचले स्तर 54.9 पर आ गयी. नवंबर में यह 56 थी. बुधवार को जारी एक मासिक सर्वेक्षण से यह जानकारी मिली है. एचएसबीसी इंडिया के विनिर्माण पीएमआई सर्वेक्षण से पता चलता है कि कारखाना ऑर्डर और उत्पादन में नरम वृद्धि हुई. हालांकि, आगामी वर्ष के लिए कारोबारी भरोसा मजबूत हुआ है. अधिक शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.30 प्रतिशत और मिडकैप 0.20 प्रतिशत मजबूत हुआ.

एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में रहा. यूरोप के बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान में रहा. इस बीच, वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 75.47 डॉलर प्रति बैरल रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने मंगलवार को 1,602.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे थे. सेंसेक्स मंगलवार को 379.46 अंक और निफ्टी 76.10 अंक के नुकसान में रहा था.

(भाषा इनपुट के साथ)

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