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Share Market: लगातार दूसरे दिन टूटा भारतीय शेयर बाजार, रुपया भी ऑल टाइम लो पर आया, जानें कारण

Share Market Closing Bell: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की पूंजी निकासी के बीच वाहन, जन केंद्रित सेवाओं से जुड़ी कंपनियों और जिंस शेयरों में गिरावट से बाजार नीचे आया. उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 139.58 यानी 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,655.15 अंक पर बंद हुआ.

Share Market Closing Bell: ग्लोबल संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ खुला. इसके बाद, पूरे दिन उठा-पटक का माहौल बाजार में बना रहा. वहीं, दूसरी तरफ भारतीय करेंसी रुपया टूटकर ऑल टाइम लो पर आ गया. शेयर बाजारों में बीएसई सेंसेक्स 140 अंक टूट गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) की पूंजी निकासी के बीच वाहन, जन केंद्रित सेवाओं से जुड़ी कंपनियों और जिंस शेयरों में गिरावट से बाजार नीचे आया. उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 139.58 यानी 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 65,655.15 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 246.93 अंक तक लुढ़क गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 37.80 अंक यानी 0.19 प्रतिशत फिसलकर 19,694 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स की कंपनियों में बजाज फाइनेंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, अल्ट्राटेक सीमेंट, बजाज फिनसर्व, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, टाटा मोटर्स और जेएसडब्ल्यू स्टील प्रमुख रूप से नुकसान में रहीं. दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में भारती एयरटेल, विप्रो, एचसीएल टेक, टेक महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और मारुति शामिल हैं.

वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी से बाजार प्रभावित

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि दीर्घकालीन उच्च ब्याज दर का रुख और वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी पूंजी प्रवाह और बाजार गतिविधियों को प्रभावित कर रही है. हालांकि, हाल में भारत और अमेरिका में महंगाई दर में गिरावट तथा कच्चे तेल के दाम में कमी से अल्पकाल में वैश्विक और घरेलू शेयर बाजार को मदद मिलने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में एफआईआई की बिकवाली में कमी से घरेलू बाजार को मदद मिल रही है. लेकिन गिरावट बनी हुई है, जिसका मुख्य कारण घरेलू शेयरों का मूल्यांकन वैश्विक शेयर बाजारों की तुलना में अधिक होना है. इस संदर्भ में आईटी क्षेत्र लाभ में है. हालांकि, दीर्घकालीन लिहाज से मूल्यांकन ऊंचा है. यह मध्यम अवधि में क्षेत्र को लेकर सतर्क रुख अपनाने का संकेत है. बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.39 प्रतिशत चढ़ा, जबकि मिडकैप 0.06 प्रतिशत नीचे आया. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग लाभ में जबकि जापान का निक्की नुकसान में रहा.

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यूरोप के बाजारों में दिखा मिलाजुला रूख

यूरोप के प्रमुख बाजारों में मिला-जुला रुख रहा. अमेरिकी बाजार शुक्रवार को मामूली लाभ में रहे थे. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.74 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81.21 डॉलर प्रति बैरल रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 477.76 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 187.75 अंक और एनएसई निफ्टी 33.40 अंक के नुकसान में रहा था.

रुपया नौ पैसे की गिरावट के साथ 83.35 प्रति डॉलर

स्थानीय शेयर बाजारों में नकारात्मक रुख के बीच अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया सोमवार को नौ पैसे की गिरावट के साथ अपने सर्वकालिक निचले स्तर 83.35 पर बंद हुआ. विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि विदेशी कोषों की सतत निकासी ने स्थानीय मुद्रा की धारणा को प्रभावित किया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 83.25 प्रति डॉलर पर खुला. कारोबार के अंत में यह 83.35 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गया. यह पिछले बंद भाव से नौ पैसे की गिरावट है. रुपया शुक्रवार को 83.27 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. इस बीच दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.48 पर आ गया. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.66 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81.14 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था.

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