पाकिस्तान में अपनों पर ही ‘टैक्स बम’ फोड़ रही शहबाज सरकार, आम अवाम पर थोपा नेचुरल गैस पर टैक्स

नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने मंगलवार को प्राकृतिक गैस पर टैक्स बढ़ा दिया. इससे औद्योगिक के साथ-साथ आम उपभोक्ताओं को अब अपनी जेब अधिक ढीली करनी होगी. आईएमएफ की वित्तीय प्रोत्साहन की शर्तों के तहत यह कदम उठाया गया है.

By KumarVishwat Sen | February 15, 2023 1:36 PM

नई दिल्ली : महीनों से कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान की शहबाज सरकार अपने ही नागरिकों पर लगातार टैक्स बम फोड़ रही है. अभी हाल ही में आम पाकिस्तानियों पर बिजली का नया टैक्स लगाने के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार एक और नया कर थोपने की तैयारी में जुट गई है. दरअसल, दिवालिया होने के कगार पर पहुंच चुका पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से राहत पैकेज की दूसरी किस्त पाने के लिए अपने ही लोगों पर टैक्स पर टैक्स थोपता चला जा रहा है. मंगलवार को शहबाज सरकार ने प्राकृतिक गैस पर टैक्स बढ़ाने का ऐलान कर दिया है.

प्राकृतिक गैस पर 112 फीसदी टैक्स

समाचार एजेंसी भाषा की एक रिपोर्ट के अनुसार, नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने मंगलवार को प्राकृतिक गैस पर टैक्स बढ़ा दिया. इससे औद्योगिक के साथ-साथ आम उपभोक्ताओं को अब अपनी जेब अधिक ढीली करनी होगी. आईएमएफ की वित्तीय प्रोत्साहन की शर्तों के तहत यह कदम उठाया गया है. सरकार के इस प्रयास का मकसद आईएमएफ की तरफ से छह अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज को पटरी पर लाना है. इसके तहत घरेलू और औद्योगिक ग्राहकों के लिए प्राकृतिक गैस पर टैक्स की दर को 16 फीसदी से बढ़ाकर 112 फीसदी किया गया है. बिजली की दर में भी इसी प्रकार की तेज वृद्धि की आशंका जताई जा रही है.

आईएमएफ ने रोक रखा है 1.2 अरब डॉलर

पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट, पिछली गर्मियों में आई विनाशकारी बाढ़ और हाल ही में हिंसा बढ़ने के कारण उपजी अस्थिरता से जूझ रहा है. वर्ष 2019 के प्रोत्साहन पैकेज का एक महत्वपूर्ण हिस्सा 1.2 अरब डॉलर दिसंबर से रुका हुआ है. मुद्राकोष ने पाकिस्तान से और अधिक नकदी जुटाने का आग्रह किया है. विशेषज्ञों ने कहा कि प्राकृतिक गैस पर टैक्स बढ़ने से उत्पादन लागत बढ़ेगी. इससे पहले से बढ़ी हुई महंगाई और तेज होगी.

एक महीने भी आयात के पैसे नहीं

बता दें कि पाकिस्तान की आर्थिक हालात रोजाना बिगड़ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर के नीचे पहुंच गया है, जो 1998 के बाद सबसे कम है. आलम यह है कि पाकिस्तान के पास फिलहाल एक महीने के आयात के लिए भी पैसे नहीं बचे हैं. महंगाई का स्तर 25 फीसदी से ऊपर पहुंच जाने की वजह से पाकिस्तान के आम अवाम की हालत काफी बिगड़ रही है.

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पाकिस्तान से आटा गया, दूध 210 रुपये लीटर

पाकिस्तान से आटा पहले से ही गायब है, दूध 210 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया है और चिकन के दाम 780 रुपये किलो बिक रहे हैं. इसके अलावा, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया 275 रुपये के स्तर पर पहुंच गया है. दुखद बात यह है कि पाकिस्तान की आर्थिक हालत बिगड़ने के बावजूद कोई भी देश उसका साथ देने के लिए सामने नहीं आ रहा है.

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