रतन टाटा के दोस्त शांतनु नायडू को मिली अहम जिम्मेदारी, सोशल मीडिया पर हुए भावुक
Ratan Tata: शांतनु नायडू का टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर बनना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि रतन टाटा की विरासत से भी गहराई से जुड़ा हुआ है. उनका सफर प्रेरणादायक है और आने वाले समय में वह टाटा ग्रुप में नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं.
Ratan Tata: दिवंगत परोपकारी उद्योगपति रतन टाटा के करीबी रहे शांतनु नायडू को टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर और स्ट्रैटजिक इनिशिएटिव्स हेड की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. शांतनु नायडू ने इस बारे में लिंक्डइन पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने अपने सफर और टाटा मोटर्स से जुड़ी यादों को साझा किया.
शांतनु नायडू को मिली टाटा मोटर्स में नई जिम्मेदारी
शांतनु नायडू रतन टाटा के असिस्टेंट रह चुके हैं, अब टाटा मोटर्स में जनरल मैनेजर बनाए गए हैं. उन्होंने अपनी नई भूमिका के बारे में लिखते हुए बताया कि उनके पिता भी टाटा मोटर्स के कर्मचारी थे और अब वह खुद इस प्रतिष्ठित कंपनी का हिस्सा बनकर गर्व महसूस कर रहे हैं. इससे पहले, उन्होंने गुडफेलोज नामक वेंचर शुरू किया था, जिसमें रतन टाटा ने निवेश किया था.
शांतनु नायडू और रतन टाटा की अनोखी दोस्ती
शांतनु नायडू ने 2014 में पुणे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग और 2016 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से एमबीए किया. उन्होंने 2018 में रतन टाटा के असिस्टेंट के रूप में काम करना शुरू किया. आवारा कुत्तों की सुरक्षा के लिए एक सिस्टम विकसित करने पर रतन टाटा का ध्यान उन पर गया और टाटा ने उनके प्रोजेक्ट में निवेश किया. शांतनु नायडू ने “आई केम अपॉन अ लाइटहाउस” नामक किताब में रतन टाटा के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं.
रतन टाटा ने छोड़ी गुडफेलोज में हिस्सेदारी, एजुकेशन लोन माफ
शांतनु नायडू ने 2021 में गुडफेलोज वेंचर लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य बुजुर्गों की मदद करना था. रतन टाटा ने इसमें निवेश किया था, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी. अपनी वसीयत में रतन टाटा ने शांतनु नायडू का एजुकेशन लोन माफ कर दिया.
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शांतनु नायडू का टाटा मोटर्स से जुड़ना क्यों है खास?
शांतनु नायडू रतन टाटा के करीबी सहयोगी रह चुके हैं. उनके पिता भी टाटा मोटर्स में काम करते थे. शांतनु नायडू एक प्रभावशाली युवा लीडर के रूप में उभरे. युवावस्था में ही गुडफेलोज जैसी सामाजिक पहल से जुड़े.
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