Share Market: टॉप 10 कंपनियों के मार्केट कैप में 1.5 ट्रिलियन रुपये की गिरावट,जानें इस सप्ताह कैसा रहेगा बाजार

Share Market Analysis: भारत की शीर्ष दस कंपनियों को 1.52 ट्रिलियन रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को इक्विटी में कमजोर रुख का सबसे बड़ा झटका लगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2023 11:48 AM

Share Market Analysis: इजरायल-हमास युद्ध के बीच कमजोर ग्लोबल संकेतों के बीच भारतीय शेयर में पिछले सप्ताह नरमी देखने को मिली. इसके कारण भारत की शीर्ष दस कंपनियों को 1.52 ट्रिलियन रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को इक्विटी में कमजोर रुख का सबसे बड़ा झटका लगा. पिछले हफ्ते बीएसई बेंचमार्क 885.12 अंक या 1.33 फीसदी गिर गया. रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 34,876.78 करोड़ रुपये घटकर 15,55,531.53 करोड़ रुपये रह गया. टीसीएस का मूल्यांकन 27,827.08 करोड़ रुपये घटकर 12,78,564.03 करोड़ रुपये रह गया. हिंदुस्तान यूनिलीवर का बाजार मूल्यांकन 18,103.6 करोड़ रुपये घटकर 5,86,223.02 करोड़ रुपये और बजाज फाइनेंस का 17,171.75 करोड़ रुपये घटकर 4,70,574.90 करोड़ रुपये रह गया. शेयर बाजार में पिछले पूरे सप्ताह उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहा था.

वैश्विक रुख और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से तय होगी दिशा

आने वाले सप्ताह को लेकर विश्लेशकों का कहना है कि निवेशकों की निगाह हमास-इजराइल संघर्ष के बीच पश्चिम एशिया की गतिविधियों तथा विदेशी निवेशकों के रुख पर भी रहेगी. मंगलवार को ‘दशहरा’ पर बाजार में अवकाश रहेगा. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौड़ ने कहा कि अमेरिकी बॉन्ड पर बढ़ते प्रतिफल, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनाव की वजह से वैश्विक बाजार कमजोर बने हुए हैं. इन कारकों पर नजदीकी निगाह रखने की जरूरत है, क्योंकि ये बाजार धारणा को प्रभावित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि तिमाही नतीजों के सत्र में बाजार भागीदारों की निगाह डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों के साथ-साथ विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के निवेश के रुख पर रहेगी. उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है.

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तिमाही के नजीजों से होगा बाजार प्रभावित

रेलिगेयर ब्रोकिंग के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तकनीकी शोध अजित मिश्रा ने कहा कि यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों का है. तिमाही नतीजों के सीजन और अक्टूबर माह के डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रह सकता है. मास्टर कैपिटल सर्विसेज के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा कि बाजार आगे इजराइल-फलस्तीन संघर्ष से दिशा लेगा. इसके अलावा कुछ बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजों पर भी सभी की निगाह रहेगा. इस सप्ताह ब्रिटेन के सेवा पीएमआई, अमेरिका के विनिर्माण और सेवा पीएमआई, अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), बेरोजगारी दावे के आंकड़े आने हैं जो बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेंगे. कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि भारत सहित दुनियाभर के बाजार भू-राजनीतिक चुनौतियों, कच्चे तेल की कीमतों और बॉन्ड प्रतिफल में उतार-चढ़ाव पर प्रतिक्रिया देंगे. इसके अलावा तिमाही नतीजों की वजह से शेयर विशेष गतिविधियां भी देखने को मिलेंगी.

यूरोपीय केंद्रीय बैंक पर रहेगी बाजार की नजर

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि हमें उम्मीद है कि कम कारोबारी सत्र वाले सप्ताह में तिमाही नतीजे महत्वपूर्ण रहेंगे. वैश्विक मोर्चे पर यूरोपीय केंद्रीय बैंक (यूसीबी) इस सप्ताह ब्याज दर पर निर्णय की घोषणा करेगा. उन्होंने बताया कि इस सप्ताह एक्सिस बैंक, टेक महिंद्रा, मारुति सुजुकी और बजाज फिनसर्व के सितंबर तिमाही के नतीजे आएंगे. इसके अलावा सप्ताह के दौरान केनरा बैंक, एशियन पेंट्स, पीएनबी, बीपीसीएल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के नतीजे भी आएंगे. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 885.12 अंक या 1.33 प्रतिशत के नुकसान में रहा. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 208.4 अंक या 1.05 प्रतिशत नीचे आया.

एफपीआई ने अक्टूबर में अबतक शेयरों से 12,000 करोड़ रुपये निकाले

अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने तथा इजराइल-हमास संघर्ष की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 12,000 करोड़ रुपये की निकासी की है. हालांकि, इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 5,700 करोड़ रुपये से अधिक डाले भी हैं.

(भाषा इनपुट के साथ)

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