Share Market: बजट के दिन बाजार खुला रहेगा या बंद? जानिए पूरी जानकारी

Share Market: बजट के दिन शेयर बाजार, कमोडिटी बाजार और करेंसी बाजार खुले रहते हैं. बैंक भी सामान्य दिनों की तरह काम करते हैं.

By Abhishek Pandey | January 30, 2025 5:04 PM

Share Market: भारत में केंद्रीय बजट की घोषणा का दिन वित्तीय जगत और निवेशकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. इस दिन शेयर बाजार से लेकर वाणिज्यिक गतिविधियों पर खास नजर रहती है. लेकिन सवाल यह उठता है कि बजट के दिन बाजार खुला रहेगा या बंद? यह सवाल उन निवेशकों और व्यापारियों के लिए बेहद अहम हो जाता है, जो बाजार की चाल पर निर्भर रहते हैं. आइए जानते हैं कि 2025 के केंद्रीय बजट के दिन भारतीय शेयर बाजार और अन्य प्रमुख बाजारों की स्थिति क्या रहेगी.

क्या बजट के दिन शेयर बाजार खुला रहेगा?

भारतीय शेयर बाजार (BSE और NSE) आमतौर पर बजट के दिन खुले रहते हैं. हालांकि, यदि बजट किसी सार्वजनिक अवकाश पर पड़ता है, तो बाजार बंद रह सकता है. केंद्रीय बजट आमतौर पर फरवरी के पहले दिन पेश किया जाता है, और इस दिन कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता, इसलिए शेयर बाजार अपने निर्धारित समय पर खुला रहता है.

बजट के दिन शेयर बाजार में अस्थिरता (Volatility) बढ़ जाती है. वित्त मंत्री के बजट भाषण के दौरान निवेशक बाजार की चाल पर करीबी नजर रखते हैं. बजट में घोषित नीतियों और सुधारों के आधार पर सेंसेक्स और निफ्टी में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है.

क्या कमोडिटी और करेंसी बाजार खुले रहेंगे?

शेयर बाजार के साथ-साथ कमोडिटी (MCX) और करेंसी बाजार भी बजट के दिन खुले रहते हैं. ये बाजार भी आर्थिक नीतियों और सरकारी घोषणाओं के प्रभाव में आते हैं, जिससे व्यापारियों और निवेशकों के लिए यह दिन खास हो जाता है.

क्या सरकारी और प्राइवेट बैंक खुले रहेंगे?

बजट के दिन बैंक सामान्य दिनों की तरह काम करते हैं, क्योंकि यह कोई सार्वजनिक अवकाश नहीं होता. हालांकि, यदि बजट किसी विशेष तिथि पर पड़ता है, जैसे कि रविवार या किसी राष्ट्रीय अवकाश पर, तो बैंक बंद रह सकते हैं.

बजट का बाजार पर प्रभाव

  • यदि सरकार पूंजीगत व्यय बढ़ाने, टैक्स रियायतें देने और आर्थिक सुधारों की घोषणाएं करती है, तो बाजार में तेजी आ सकती है.
  • यदि बजट में निवेशकों या उद्योगों के लिए प्रतिकूल घोषणाएं की जाती हैं, तो गिरावट भी देखी जा सकती है.

सोना-चांदी और करेंसी बाजार

  • आयात-निर्यात शुल्क में बदलाव का असर सोने-चांदी की कीमतों पर पड़ सकता है.
  • बजट में विदेशी निवेश से जुड़ी घोषणाओं का असर रुपये की विनिमय दर पर हो सकता है.

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