Share Market: ईरान-इजराइल युद्ध का असर, औंधे मुंह गिरा भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 559 अंक टूटा

Share Market: ईरान-इजराइल के बीच युद्ध का असर पूरी दुनिया के शेयर मार्केट पर देखने को मिल रहा है. भारतीय शेयर बाजार भी धड़ाम से गिर गया है. निफ्टी पर सभी सेक्टरों में लाल का निशान देखने को मिल रहा है. खाड़ी देशों में टेंशन से ऑयल एंड गैंस के शेयर सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

By Madhuresh Narayan | April 15, 2024 9:46 AM

Share Market Opening: ईरान-इजरायल युद्ध का असर भारतीय शेयर बाजार में आज देखने को मिल रहा है. ग्लोबल मार्केट से मिल रहे कमजोर संकेतों के बीच घरेलू बाजार प्री-ओपनिंग में ही टूट गया. इसके बाद, बाजार के दोनों सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लगातार पाताल की तरफ जाते हुए दिखे. सुबह 9.30 बजे सेंसेक्स 0.84 प्रतिशत यानी 622.55 अंक गिरकर 73,622.35 पर पहुंच गया. जबकि, निफ्टी 0.84 प्रतिशत यानी 189.70 अंक गिरकर 22,329.70 पर कारोबार करता दिख रहा है. आज बाजार में 3197 कंपनियां कारोबार कर रही हैं. इसमें 2697 कंपनियों के स्टॉक लाल के निशान में दिख रहे हैं. जबकि, 382 कंपनियों के स्टॉक में थोड़ी तेजी देखने को मिल रही है. हालांकि, 118 कंपनियों के स्टॉक में कोई परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है.

क्या हैं सेंसेक्स निफ्टी का हाल

बीएसई के तीस शेयरों वाले सेंसेक्स पर केवल तीन शेयरों में मामूली तेजी देखने को मिल रही है. जबकि, 27 कंपनियों के स्टॉक में गहरा लाल निशान देखने को मिल रहा है. निफ्टी पर आईटी में मामूली तेजी है. इसके अलावा सभी सेक्टरों में नुकसान देखने को मिल रहा है.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लि. के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि यह सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा. इसकी वजह यह है कि ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष बढ़ने की आशंका पैदा हो रही है. दोनों के बीच तनाव बढ़ने से वैश्विक शेयर बाजारों में घबराहटपूर्ण बिकवाली देखने को मिल सकती है. इसके अलावा बाजार की निगाह कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी, जो भू-राजनीतिक घटनाक्रमों से प्रभावित होती है. उन्होंने कहा कि इस सप्ताह इन्फोसिस, बजाज ऑटो और विप्रो की तिमाही नतीजे आने हैं जिनपर निवेशकों की निगाह रही. उन्होंने कहा कि वृहद आर्थिक मोर्चे पर चीन के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर के आंकड़े, अमेरिका के खुदरा बिक्री के आंकड़े और अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल के अलावा डॉलर सूचकांक की दिशा बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगी.

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