नवंबर महीने में कंपनियों के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) में तेजी रहने के बीच अगले सप्ताह टाटा टेक्नोलॉजीज और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) समेत पांच कंपनियां आईपीओ के जरिये 7,300 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में हैं. आईपीओ लाने वाली इन कंपनियों में टाटा टेक्नोलॉजीज और इरेडा के अलावा फेडबैंक फाइनेंशियल सर्विसेज, फ्लेयर राइटिंग इंडस्ट्रीज और गांधार ऑयल रिफाइनरी इंडिया भी शामिल हैं.
शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक इन पांच कंपनियों को मिलकर आईपीओ के जरिये 7,300 करोड़ रुपये से अधिक राशि जुटाए जाने की उम्मीद है. इससे पहले तीन कंपनियों- एएसके ऑटोमोटिव, प्रोटीन ईगॉव टेक्नोलॉजीज और ईएसएएफ स्मॉल फाइनेंस बैंक ने महीने की शुरुआत में अपने सार्वजनिक निर्गम पेश किए थे.
आईआरईडीए (IREDA) के आईपीओ का काफी दिनों से इंतजार किया जा रहा है. इसका आईपीओ 21 नवंबर को खुलने वाला है. इससे संस्थान 2150 करोड़ रुपये जुटाने की कोशिश करेगी. आईपीओ का प्राइस बैंड 30-32 रुपये प्रति शेयर हो सकता है. इसमें 1290 करोड़ रुपए का फ्रेश इश्यू और 860 करोड़ रुपए का OFS का होगा. आईआरईडीए में केंद्र सरकार की 100 100 फीसदी हिस्सेदारी है.
Also Read: Gold-Silver Price: आज गहनों की खरीदारी का बेहतरीन मौका, सोने-चांदी की कीमत सुस्त, जानें आज का भावटाटा मोटर्स (Tata Motors) की हिस्सेदारी वाली टाटा टेक्नोलॉजी (Tata Technology) का आईपीओ 22 नवंबर से 24 नंबर तक खुला रहेगा. इसका प्राइस बैंड 475 से 500 रुपये के बीच होने की संभावना है. यह पूरी तरह ऑफर फोर सेल (OFS) में है. ग्रे मार्केट में 300 रुपये प्रीमियम मिल रहा है.
आनंद राठी एडवाइजर्स में निवेश बैंकिंग के निदेशक वी प्रशांत राव ने कहा कि हालिया सार्वजनिक निर्गमों को निवेशकों से मिली अच्छी प्रतिक्रिया और मजबूत व्यापक आर्थिक बुनियाद के कारण नए आईपीओ लाने की तैयारी बढ़ी है. उन्होंने कहा कि निर्गम संबंधी कई मसौदा दस्तावेज बाजार नियामक सेबी के समक्ष मंजूरी के लिए दाखिल किए गए हैं. इससे संकेत मिलता है कि कंपनियां आने वाली तिमाहियों में अपने आईपीओ लाने की तैयारी कर रही हैं.
प्रशांत राव ने कहा कि आम चुनाव से पहले आईपीओ बाजार में तेजी का सिलसिला बना रहेगा. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में भारतीय बाजार में 31 आईपीओ जारी किए गए हैं, जिनसे 26,300 करोड़ रुपये जुटाए गए. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 14 आईपीओ के जरिये 35,456 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.