Stock Market Update: भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला बृहस्पतिवार को लगातार तीसरे दिन जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 570.60 अंक का गोता लगा गया. वैश्विक बाजारों में कमजोरी के रुख के बीच निवेशकों ने वाहन, बैंक और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में बिकवाली की, जिससे बाजार नीचे आया. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के महंगाई को काबू में रखने के लिये इस साल नीतिगत दर में एक बार और वृद्धि के संकेत से वैश्विक बाजारों में गिरावट आई. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 570.60 अंक यानी 0.85 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66,230.24 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 672.13 अंक तक लुढ़क गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 159.05 अंक यानी 0.80 अंक टूटकर 19,742.35 अंक पर बंद हुआ.
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख और लंबे समय तक उच्च ब्याज दर की स्थिति के संकेत से घरेलू बाजार में गिरावट आई. यह स्थिति सुस्त पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिये सकारात्मक नहीं है. उन्होंने कहा कि मूल्यांकन अधिक होने और प्रतिफल में नरमी को लेकर चिंता से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और मझोली तथा छोटी कंपनियों के शेयरों पर प्रतिकूल असर पड़ा. कच्चे तेल के दाम में तेजी और उत्पादक क्षेत्रों में बारिश कम होने से निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया है. सेंसेक्स के शेयरों में आईसीआईसीआई बैंक में सर्वाधिक 2.81 प्रतिशत की गिरावट आई. इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, इंडसइंड बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा मोटर्स, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक और पावर ग्रिड के शेयर भी नुकसान में रहे. दूसरी तरफ लाभ में रहने वाले शेयरों में टेक महिंद्रा, भारती एयरटेल, इन्फोसिस, एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, लार्सन एंड टुब्रो और टाइटन शामिल हैं. मझोली कंपनियों के शेयरों का सूचकांक बीएसई मिडकैप 0.99 प्रतिशत नीचे आया जबकि छोटी कंपनियों का सूचकांक स्मॉलकैप 0.98 प्रतिशत टूटा.
कोटक सिक्योरिटीज लि. के शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि दुनिया के अन्य बाजारों में कमजोर धारणा से घरेलू बाजार में लगातार तीसरे दिन बिकवाली देखने को मिली. इसका कारण यह है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के इस साल नीतिगत दर में एक और वृद्धि के संकेत से निवेशकों की धारणा प्रभावित हुई. उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों की पूंजी निकासी, अमेरिकी डॉलर सूचकांक का बढ़ना तथा कच्चे तेल के दाम में तेजी से भी निवेशक प्रभावित हुए. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे.
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख रहा. अमेरिकी बाजार बुधवार को नुकसान में रहे थे. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने बुधवार को दूसरी बार नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं किया. यह संकेत है कि कीमत दबाव कम होने से आक्रामक रुख कुछ नरम हुआ है. हालांकि, फेडरल रिजर्व ने यह भी संकेत दिया कि वह इस साल एक बार और नीतिगत दर में वृद्धि कर सकता है. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.81 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.77 डॉलर प्रति बैरल पर रहा. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बुधवार को 3,110.69 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
वैश्विक बाजारों में गिरावट और विदेशी पूंजी की निकासी के बीच घरेलू शेयर बाजारों में तीन कारोबारी सत्रों के भीतर निवेशकों के 5.50 लाख करोड़ रुपये डूब गए हैं. बुधवार को बीएसई सेंसेक्स लगातार तीसरे दिन गिरावट के साथ 66,230.24 अंक पर बंद हुआ. सोमवार से शुरू हुए गिरावट के इस दौर में अब तक सेंसेक्स 1,608.39 अंक यानी 2.37 प्रतिशत तक गिर चुका है. चौतरफा गिरावट के इस दौर में बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 5,50,376.85 करोड़ रुपये गिरकर 3,17,90,603.86 करोड़ रुपये पर आ गया. इससे पहले सेंसेक्स ने लगातार 11 कारोबारी सत्रों में बढ़त दर्ज करते हुए अब तक का उच्चतम स्तर हासिल किया था. लेकिन इस सप्ताह इसमें गिरावट का रुख बना हुआ है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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