Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजार के लिए बुधवार का दिन बेहद निराशाजनक रहा. कारोबार के दौरान मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स औंधे मुंह जा गिरा. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 4.88 प्रतिशत यानी 2,348.65 अंक टूटकर कारोबार कर रहा था. वहीं, निफ्टी का स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 838.65 अंक यानी 5.56 प्रतिशत गिरा. इस दौरान निवेशकों को 14 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा. गिवावट की सुनामी में दोपहर तीन बजे सेंसेक्स 1.28 प्रतिशत यानी 944.05 अंक गिरकर 72,723.91 पर कारोबार कर रहा था. जबकि, निफ्टी 1.44 प्रतिशत यानी 321.45 अंक गिरकर 22,014.25 पर था. हालांकि, इस बड़ी गिरावट का कारण क्या है. आइये इसे हम तीन प्वाइंट में समझाते हैं.
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सेंसेक्स, निफ्टी और स्मॉलकैप में गिरावट का कारण क्या है?
- शेयर बाजार में गिरावट के पीछे सबसे पहले कारण सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का वो बयान है जिसमें उन्होंने स्मॉल कैप और मिड कैप में बबल बनने की बात कही थी. इसे लेकर उन्होंने चेतावनी भी दी थी. सेबी द्वारा पिछले महीने म्यूचुअल फंडों को स्मॉलकैप और मिडकैप निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए एक प्रणाली बनाने के लिए कहा गया था. इसमें माधबी पुरी ने कहा था कि बाजार में कुछ जगह झाग है. कुछ लोग इसे बुलबुला कहते हैं, कुछ इसे झाग कह सकते हैं. उस झाग को बने रहने देना उचित नहीं होगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि मूल्यांकन मानदंड चार्ट से बाहर हैं और बुनियादी सिद्धांतों द्वारा समर्थित नहीं करता हैं.
- आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड ने कहा है कि वो 14 मार्च से मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्कीम्स में एकमुश्त पैसा (lump sum money) स्वीकार नहीं करेगा. इससे पहले, निप्पॉन (Nippon), टाटा (Tata) और एसबीआई एमएफ (SBI MF) ने एकमुस्त निवेश पर रोक लगा दिया है. हालांकि, आईसीआईसीआई मिडकैप निवेश पर चेक लगाने वाला पहला फंड मैनेजर हाउस होगा.
- मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में बिकवाली हावी था. इसके कारण अधिकांश सूचकांक लाल निशान के साथ बंद हुए थे. मिडकैप और स्मॉलकैप पहले से दबाव झेल रहे थे. बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में 80 फीसदी से अधिक शेयरों ने 19 फरवरी के बाद से नकारात्मक रिटर्न दर्ज किया है. हालांकि, इसी अवधि में निफ्टी में लगभग एक फीसदी की तेजी आई है.
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