Share Price: कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल समेत कई कंपनियों को गुरुवार 19 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है. भारत की सर्वोच्च अदालत ने इन कंपनियों की समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में कथित तौर पर त्रुटियों में सुधार के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस कदम के बाद शेयर बाजार में इन कंपनियों के शेयर्स में जोरदार गिरावट आ गई. सबसे अधिक वोडाफोन आइडिया के शेयर को करीब 15% तक नुकसान हुआ.
वोडाफोन आइडिया और इंडस टावर के शेयर्स गिरे
सुप्रीम कोर्ट की ओर से याचिका खारिज किए जाने के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में दोपहर 12.45 बजे तक करीब 15% तक गिरावट आ गई. एनएसई में इसका शेयर गिरकर 11.41 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया. इस बीच, इंडस टावर्स के शेयर की कीमत जो 14% से अधिक गिर गई. हालांकि, भारती एयरटेल के शेयर एनएसई पर 2% की बढ़त के साथ 1,701 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गए. 28 अगस्त, 2024 को इंडस टावर्स के बोर्ड ने 5.67 करोड़ शेयरों के शेयर बायबैक को मंजूरी दी, जिससे कंपनी में भारती एयरटेल की हिस्सेदारी 50% से अधिक हो जाएगी. इससे इंडस टावर्स भारती एयरटेल की सहायक कंपनी बन जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने सुधारात्मक याचिका खारिज की
दूरसंचार कंपनियों को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल सहित कई कंपनियों की उन याचिकाओं को खारिज कर दिया. इन याचिकाओं में समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में कथित त्रुटियों को सुधारने का अनुरोध किया गया था. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने दूरसंचार कंपनियों की उस याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें सुधारात्मक याचिकाओं को खुली अदालत में सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था.
क्या होती है सुधारात्मक याचिका
सुधारात्मक याचिका सर्वोच्च अदालत में अंतिम पड़ाव होती है, उसके बाद इस अदालत में गुहार लगाने का कोई कानूनी रास्ता नहीं होता. इसमें आम तौर पर बंद कमरे में विचार किया जाता है, जब तक कि प्रथम दृष्टया फैसले पर पुनर्विचार के लिए मामला नहीं बन जाता. पीठ ने 30 अगस्त को आदेश सुनाया था, जो गुरुवार को सार्वजनिक किया गया. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को सार्वजनिक होते ही इस याचिका से जुड़ी दूरसंचार कंपनियों के शेयर स्टॉक मार्केट में धड़ाधड़ गिरने लगे.
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दूरसंचार कंपनियों की पहले भी हो चुकी है याचिका खारिज
सर्वोच्च अदालत ने 9 अक्टूबर 2023 को कुछ दूरसंचार कंपनियों की दलीलों गौर किया था. इनमें एजीआर बकाया मुद्दे पर उनकी याचिकाओं को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया गया था. अदालत ने इससे पहले जुलाई 2021 में एजीआर बकाया की मांग में त्रुटियों को सुधारने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. दूरसंचार कंपनियों ने सर्वोच्च अदालत का रुख कर दावा किया था कि एजीआर बकाया राशि तय करने में कई त्रुटियां थीं, जो कुल एक लाख करोड़ रुपये से अधिक थीं.
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