Shark Tank India-4: विदेशी नौकरी से मना किया, बेचने लगे पौधे,बिजनेस में बनाई ₹40 करोड़ की कंपनी 

Shark Tank India-4: शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन के 9वें एपिसोड में एक अनोखा मोड़ देखने को मिला,दो ऐसे स्टार्टअप्स पिच देने पहुंचे, जो एक ही तरह के बिजनेस पर काम कर रहे थे

By Abhishek Pandey | January 17, 2025 1:27 PM

Shark Tank India-4: शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन के 9वें एपिसोड में एक अनोखा मोड़ देखने को मिला. इस एपिसोड में दो ऐसे स्टार्टअप्स पिच देने पहुंचे, जो एक ही तरह के बिजनेस पर काम कर रहे थे. ये स्टार्टअप्स थे Nurturing Green और Kyari. दोनों के बिजनेस में समानता थी, लेकिन इनकी पिच की शैली में अंतर था. इस स्थिति में शो के फॉर्मेट में थोड़ा बदलाव किया गया और दोनों को अलग-अलग बारीकियों से पिच करने का अवसर दिया गया. इस बदलाव के कारण एपिसोड और भी दिलचस्प बन गया.

Nurturing Green की शुरुआत

Nurturing Green का संस्थापक अन्नू ग्रोवर है, जो लखनऊ से हैं. अन्नू की प्रेरणा उनकी मां से मिली, जब वे विदेश में पढ़ाई कर रहे थे. एक बार उन्होंने अपनी मां को एक बुके भेजा था, लेकिन जब वह अगले दिन फोन पर बात कर रहे थे, तो उनकी मां ने बताया कि वह बुके उसने फेंक दिया. यह सुनकर अन्नू को विचार आया कि क्यों न फूलों के बजाय एक पौधा भेजा जाए, जिसे कोई न फेंके और वह लंबे समय तक याद रहे. इस सोच ने उन्हें पौधों के बिजनेस की दिशा में कदम बढ़ाने को प्रेरित किया.

भारत में बिजनेस की शुरुआत

अन्नू ने भारत लौटने के बाद 2010 में Nurturing Green की शुरुआत की, जो कि मुख्य रूप से प्लांट गिफ्टिंग पर केंद्रित था. लेकिन समय के साथ यह बिजनेस धीरे-धीरे और विस्तार करते हुए होम डेकोर और होम गार्डनिंग के क्षेत्र में भी प्रवेश कर गया. अन्नू का कहना है कि भारत में पौधों का बिजनेस बहुत बड़ा है और इसका मार्केट करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये का है. आज Nurturing Green ने इस विशाल मार्केट में अपनी पहचान बना ली है और कई प्रकार के पौधे और गिफ्टिंग विकल्प ग्राहकों को प्रदान करता है.

पारिवारिक समर्थन और संघर्ष

इस यात्रा में अन्नू को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. विशेष रूप से उनके पिता महीनों तक इस बिजनेस से नाराज रहे, क्योंकि उन्हें इस तरह के जोखिम भरे कदम की उम्मीद नहीं थी. लेकिन अन्नू ने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से न केवल अपने परिवार को विश्वास दिलाया, बल्कि एक सफल बिजनेस भी खड़ा किया. आज उनकी कंपनी ₹40 करोड़ के टर्नओवर तक पहुंच चुकी है, जो उनकी मेहनत और सपने को साकार होने का प्रतीक है.

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