Shortage of Electricity : आम जनता पर महंगाई की मार फिर पड़ सकती है. रसोई गैस और डीजल-पेट्रोल की कीमत में बढ़ोतरी के बाद अब बिजली की दर बढ सकती है. दरअसल, कांग्रेस ने रविवार को देश में कोयले की कमी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया और आशंका व्यक्त की कि अब बिजली की दरें बढ़ाई जा सकती हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कोयले की कमी की जांच की मांग की. कई राज्यों ने कोयले की भारी कमी के मद्देनजर बिजली संकट उत्पन्न होने की चेतावनी दी है, लेकिन कोयला मंत्रालय ने कहा है कि बिजली उत्पादन संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त सूखा ईंधन उपलब्ध है. मंत्रालय ने बिजली आपूर्ति में व्यवधान के संबंध में किसी भी भय को ‘‘पूरी तरह से गलत” करार देते हुए खारिज कर दिया है.
Looks like a planned conspiracy to strangulate Coal India to benefit a single private company https://t.co/aIfAsFi4Wt
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 10, 2021
पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि अचानक हम बिजली संयंत्रों को कोयले की आपूर्ति में संकट के बारे में सुन रहे हैं. क्या एक विशेष निजी कंपनी इस संकट से लाभ उठाने के प्रयास में है? लेकिन कौन जांच करेगा. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि यह उनके ‘दोस्तों’ के फायदे के लिए ‘मोदी निर्मित बिजली संकट’ है. सुरजेवाला ने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि प्यारे देशवासियों, तैयार हो जाएं. पेट्रोल के बाद जेब पर गिरेगी, बिजली की क़ीमत। कोयले की आपूर्ति में भारी क़िल्लत कर दी है. साथ ही, बिजली नीति संशोधित कर दी. संशोधन के बाद साहेब और ‘उनके मित्र’ मनमर्ज़ी रुपये/ यूनिट बिजली बेचेंगे। ज़ोरदार विनाश उफ्फ, विकास!”
Suddenly we are hearing of a crisis in coal supply to power plants. Is one particular private company making a fortune out of this crisis? But who will investigate?
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 10, 2021
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इधर कोयला मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि बिजली उत्पादक संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. मंत्रालय की ओर से कोयले की कमी की वजह से बिजली आपूर्ति में बाधा की आशंकाओं को पूरी तरह निराधार बताया गया है. मंत्रालय ने बयान में कहा है कि कोयला मंत्रालय आश्वस्त करता है कि बिजली संयंत्रों की जरूरत को पूरा करने के लिए देश में कोयले का पर्याप्त भंडार है. इसकी वजह से बिजली संकट की आशंका पूरी तरह गलत है.
प्यारे देशवासियों,
तैयार हो जाएँ।
पेट्रोल के बाद जेब पर गिरेगी, बिजली की क़ीमत।
कोयले की आपूर्ति में भारी क़िल्लत कर दी है। साथ ही, बिजली नीति संशोधित कर दी।
संशोधन के बाद साहेब और “उनके मित्र” मनमर्ज़ी रुपये/ यूनिट बिजली बेचेंगे।
ज़ोरदार विनाश उफ्फ, विकास!#PowerCrisis
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) October 10, 2021
Posted By : Amitabh Kumar
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