दुनिया का एकमात्र देश जहां GDP से तय होती है प्रधानमंत्री की सैलरी

Singapore Ministers Salary: सिंगापुर दुनिया का एकमात्र देश है जहां प्रधानमंत्री और मंत्रियों की सैलरी GDP के आधार पर तय होती है, ताकि उन्हें देश के आर्थिक प्रदर्शन से जोड़कर उच्चतम दक्षता मिल सके.

By Abhishek Pandey | January 28, 2025 9:14 AM
an image

Singapore Ministers Salary: सिंगापुर अपनी पारदर्शी और प्रगतिशील वेतन नीति के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. यहां प्रधानमंत्री और मंत्रियों को मिलने वाली सैलरी दुनिया में सबसे अधिक है. सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग (Lawrence Wong) वर्तमान में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले नेता हैं. आइए जानें, सिंगापुर में नेताओं के वेतन का ढांचा और इसके पीछे का कारण.

कैसे तय होता है वेतन?

सिंगापुर में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मंत्रियों के वेतन की समीक्षा हर पांच साल में एक विशेष समिति द्वारा की जाती है. इसका उद्देश्य नेताओं को पर्याप्त वेतन प्रदान करना है, ताकि वे भ्रष्टाचार से बचें और अपने काम में अधिक उत्पादक बनें. मंत्रियों के वेतन को उनके ग्रेड (MR4, MR3, MR2, MR1) के आधार पर विभाजित किया गया है, जहां MR4 सबसे निचला ग्रेड है.

मंत्रियों की सैलरी दो हिस्सों में बंटी होती है—फिक्स्ड और वेरिएबल

फिक्स्ड कंपोनेंट्स

  1. 12 महीने का आधार वेतन.
  2. गैर-पेंशन भत्ता (एक महीने की सैलरी के बराबर).
  3. स्पेशल भत्ता.
  4. पब्लिक लीडरशिप भत्ता (दो महीने की सैलरी के बराबर).

वेरिएबल कंपोनेंट्स

  1. परफॉर्मेंस बोनस – प्रधानमंत्री द्वारा हर मंत्री के प्रदर्शन के आकलन पर आधारित.
  2. GDP बोनस – देश की आर्थिक स्थिति के आधार पर.

गौरतलब है कि अगर सिंगापुर की जीडीपी या मंत्री का प्रदर्शन अच्छा नहीं होता, तो उनकी सैलरी कम हो जाती है.

2011 में किए गए बदलाव

2010 तक MR4 ग्रेड वाले मंत्री का वार्षिक वेतन $1,583,900 था, जबकि MR1 ग्रेड के मंत्री को $2,368,500 मिलते थे. प्रधानमंत्री का वेतन MR4 के वेतन का निश्चित अनुपात होता था. 2011 में समीक्षा के बाद इसे MR4 के वेतन से दोगुना तय किया गया, जिससे प्रधानमंत्री का वेतन 28% कम हो गया.

GDP के प्रभाव से सैलरी में उतार-चढ़ाव

सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग को सालाना $1.69 मिलियन सैलरी और अन्य भत्ते मिलते हैं, जो भारतीय मुद्रा में लगभग ₹10.84 करोड़ के बराबर है. लेकिन यह वेतन देश की आर्थिक प्रदर्शन पर निर्भर करता है. यदि जीडीपी में गिरावट होती है, तो उनकी सैलरी भी घट जाती है. सिंगापुर की यह वेतन नीति पारदर्शिता और प्रदर्शन-आधारित प्रणाली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है.

Also Read : आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया, क्या इस बार बजट में मिलेगी राहत, भइया?

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Exit mobile version